पोप फ्रांसिस ने 17 मई 2015 को दो फिलिस्तीन नन अल्फोसाइन घत्तास और मरियम बावर्डी को संत घोषित किया. संत घोषित करने के इस समारोह का आयोजन वेटिकन सिटी के सेंट पीटर्स स्क्वायर में किया गया. समारोह के दौरान फिलिस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास और 2000 से अधिक ईसाई तीर्थयात्रियों ने भाग लिया.
यह दोनों ही 19वीं सदी की नन हैं और दोनों तुर्क शासित फिलिस्तीन में रहती हैं. यह पहला मौका है जब किसी ऐसे व्यक्ति को संत घोषित किया गया है जो अरब भाषी है.
सिस्टर मैरी अल्फोसाइन घत्तास यरूशलेम की सबसे पवित्र माने जाने वाली माला की संस्थापक रहीं हैं और मरियम बावर्डी ने बेथलहम में एक कामिलैट कॉन्वेंट की स्थापना की है.
ऐसा माना जा रहा है कि यह कदम मध्य पूर्व में ईसाई समुदाय की घटती संख्या को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है.
विदित हो संत घोषित करने की इस प्रक्रिया के तहत किसी मृत व्यक्ति को कैथोलिक चर्च या पूर्वी रूढ़िवादी चर्च के द्वारा संत का दर्जा दिया जाता है.
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