इंग्लैण्ड के ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के भूवैज्ञानिकों के एक शोध में यह पता चला कि धरती पर पाए जाने वाली बहुमूल्य धातुएं सोना और प्लेटिनम चार अरब वर्ष पहले पृथ्वी पर हुई विशाल उल्का पिंडों की बारिश का परिणाम हैं. शोध में यह भी बताया गया कि पृथ्वी के गर्भ में सोने और प्लेटिनम की इतनी मात्रा मौजूद है जिससे पृथ्वी की पूरी सतह को चार मीटर मोटी परत से ढका जा सकता है.
इंग्लैण्ड के दैनिक अखबार डेली मेल में यह शोध 8 सितंबर 2011 को प्रकाशित हुआ. प्रमुख शोधकर्ता मैथाइज वीलबोल्ड के अनुसार पृथ्वी के निर्माण की प्रक्रिया के दौरान सोना और अन्य कीमती धातु सतह पर थे परन्तु जब पिघला लोहा धरती के केंद्र में पहुंचा तो ये धातु भी पृथ्वी की गर्भ में चले गए जिससे धरती की सतह पर धातुओं का अभाव हो गया.
बहुमूल्य धातुएं सोना और प्लेटिनम का पृथ्वी की गर्भ में चले जाने की प्रक्रिया के 20 करोड़ साल बाद एक उल्कापिंड टकराया जिससे इन धातुओं का कुछ हिस्सा पुनः धरती पर बिखर गया था. ब्रिस्टल विश्वविद्यालय के भूवैज्ञानिकों ने इस शोध के लिए ग्रीनलैंड की प्राचीन चट्टानों का परीक्षण किया.
इन परीक्षणों से एक तथ्य और स्पष्ट हुआ कि आधुनिक चट्टानें उल्का पिंडों की भारी बारिशों से बनी हैं. इससे साबित होता है कि धरती पर पाया जाने वाला सोना और प्लेटिनम अंतरिक्ष की बारिश से आया है.
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