भारतीय रिजर्व बैंक ने 9 जून 2014 को बैंक में खाता खोलने के लिए केवाईसी नियमों में ढील दी. अपनी अधिसूचना में कहा है कि बैंक खाता खोलने या आवधिक अद्यतन कराने के लिए अपने पते का केवल एक ही दस्तावेजी प्रमाणपत्र ( वर्तमान या स्थायी में से कोई एक) जरूरी होगा.
इसमें यह भी कहा गया है कि पता बदलने की सूरत में नए पते का प्रमाणपत्र छह माह के भीतर जमा करना होगा.
ग्राहक द्वारा दिया गया पता अगर स्थानीय पता नहीं है या फिर ऐसा पता है जहां वह खुद नहीं रहता तब बैंक ग्राहक से पत्राचार करने के लिए स्थानीय पते की घोषणा कर सकता है. हालांकि ऐसी स्थिति में पत्राचार के पते के लिए किसी प्रकार के प्रमाणपत्र देने की जरूरत नहीं होगा. इस पते का सत्यापन बैंक सकारात्मक पुष्टि जैसे
• पत्र, चेक बुकों, एटीएम कार्डों
• टेलिफोन पर बातचीत
• दौरा और अन्य
की पावती के रूप में कर सकती है.
इस अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि अगर किन्हीं कारणों से ग्राहक का पता बदलता है तो ग्रहाक को पत्राचार के नए पते के बारे में बैंक को दो सप्ताह के भीतर सूचना देनी होगी.
अपने ग्राहक को पहचानें नियम ( केवाईसी) के बारे में
• केवाईसी ग्राहक पहचान प्रक्रिया के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है.
• केवाईसी दिशानिर्देशों का उद्देश्य आपराधिक तत्वों द्वारा काले धन को वैध बनाने के लिए बैंकों का इरादतन या गैरइरातन इस्तेमाल रोकना है
• केवाईसी में दो घटक हैं– पहचान और पता. पहचान वही रहती है लेकिन पता बदल सकता है और इसलिए बैंकों को आवधिक तौर पर अपने रिकॉर्डों को अपडेट करने की जरूरत होती है.
• आरबीआई ने ये दिशानिर्देश बैंकिंग विनियमन अधिनियम, 1949 और प्रिवेंशन ऑफ मनी– लॉन्डरिंग रूल्स, 2005 के नियम 7 के तहत जारी किए हैं .
• ये दिशानिर्देश एंटी मनी लॉन्डरिंग (एएमएल) स्टैंडर्डस और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला (सीएफटी) पर बनाई गई फाइनैंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की सिफारिशों के मद्देनजर जारी किया गया है.
• आरबीआई ने 2004 में केवाईसी दिशानिर्देश जारी किया था जिसे बैंकों को 31 दिसंबर 2005तक लागू करना था.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation