बॉस्टन मैराथन धमाके के आरोपी जोखर सारनेव को 15 मई 2015 को बोस्टन की फेडरल ज्यूरी ने मौत की सज़ा सुनाई.
15 अप्रैल 2013 को बॉस्टन मैराथन के दौरान दौड़ की समाप्ति रेखा के नज़दीक हुए धमाकों में 3 लोगों की मौत तथा 250 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. 21 वर्षीय सारनेव को 30 मामलों में दोषी करार दिया गया जिसमें सामूहिक विनाश के लिए हथियार का इस्तेमाल एवं एमआईटी पुलिस ऑफिसर की हत्या जैसे आरोप शामिल थे. बम हमले में जान गंवाने वाले अन्य दो लोगों में आठ वर्षीय रिचर्ड तथा 23 साल के चीन के छात्र लिंग्जी लू भी शामिल हैं.
अभियोजन पक्ष ने सारनेव के वकीलों के सारे तर्कों को काटते हुए यह साबित कर दिया कि बॉस्टन मैराथन के दौरान दो प्रेशर कूकर बम लगाने में सारनेव भी शामिल था.
हमले में शामिल सारनेव के बड़े भाई तामेरलेन सारनेव को बॉस्टन मैराथन ब्लास्ट के कुछ दिनों बाद एक मुठभेड़ में मार गिराया गया था. चेचेन्या मूल के जोखर सारनेव को अदालत में अपने बचाव में बोलने के लिए कहा गया लेकिन वह सर झुकाए खड़ा रहा.
गौरतलब है कि 1988 के बाद से अमेरिका में संगीन अपराधों के लिए 74 लोगों में से सिर्फ तीन लोगों को ही मौत की सजा दी गई है. सारनेव को जहर का इंजेक्शन देकर मौत की सजा दी जाएगी.
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