भारत और जापान ने मुंबई-अहमदाबाद मार्ग पर तेज गति की रेल प्रणाली की संभावना का मिलकर अध्ययन करने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर 7 अक्टूबर 2013 को किए.
यह समझौता भारत के प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह और जापान के प्रधानमंत्री शिन्जो अबे के मध्य 29 मई 2013 को हुए संयुक्त वक्तव्य के अनुसरण में है. इस वक्तव्य में यह व्यवस्था है कि दोनों पक्षों द्वारा तीव्र गति की रेल प्रणाली की संभावना का अध्ययन करने के लिए मिलकर धन जुटाया जाना है.
समझौते का उद्देश्य
समझौते का उदेश्य संयुक्त अध्ययन के मध्यम से मुंबई-अहमदाबाद मार्ग पर 300-350 किलोमीटर प्रति घंटे की तेज रफ्तार पर रेलगाड़ी चलाने की संभावना रिपोर्ट तैयार करना है.
समझौत से संबंधित मुख्य तथ्य
• समझौते के तहत इस अध्ययन की लागत भारत और जापान द्वारा बराबरा-बराबर वहन की जानी है.
• यह अध्ययन शुरू किए जाने के बाद 18 महीने के भीतर पूरा किया जाना है.
• इस समझौता ज्ञापन पर भारत के रेल मंत्रालय के मूलभूत ढांचा सलाहकार गिरीश पिल्लई और जापान की ओर से दक्षिण एशियाई विभाग जेआईसीए के निदेशक कात्सू मत्सूमोतो ने हस्ताक्षर किए.
• इस अध्ययन की निगरानी के लिए एक संयुक्त समिति भी गठित की जानी है.
• समझौते के तहत इस संयुक्त समिति में भारतीय पक्ष से रेल मंत्रालय, योजना आयोग, वित्त मंत्रालय और विदेश मंत्रालय तथा जापान की ओर से आर्थिक, व्यापार और उद्योग मंत्रालय, भूमि, अवसंरचना परिवहन और पर्यटन मंत्रालय, वित्त मंत्रालय तथा भारत में जापानी दूतावास के प्रतिनिधि शामिल होने हैं.
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