संयुक्त अरब अमीरात में कार्यरत भारतीय श्रमिकों से जुड़े मुद्दों के सरल समाधान और उनके हित के लिए भारत और यूएई ने एक सहमति पत्र (Memorandum of Understanding एमओयू) पर 13 सितंबर 2011 को नई दिल्ली में हस्ताक्षर किया. इस सहमति पत्र (एमओयू) पर भारत की ओर से प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री वायलार रवि और संयुक्त अरब अमीरात की ओर से श्रममंत्री सईद गोबाश ने हस्ताक्षर किया.
यह संशोधित समझौता ज्ञापन दोनों देशों के बीच परस्पर पारस्परिक सहयोग और संबंधों को मजबूत करेगा तथा अबूधाबी स्थित भारतीय दूतावास द्वारा संयुक्त अरब अमीरात में प्रवासी कामगारों के लिए रोजगार निविदाओं के लिए वेब आधारित सत्यापन प्रक्रिया को लागू करने में मंत्रालय की पहल को प्रोत्साहित करेगा. भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच मानव शक्ति पर एक संशोधित समझौता ज्ञापन निम्नलिखित सुविधाएं प्रदान करता है.
• संयुक्त अरब अमीरात में काम करने के लिए भारतीय मानव शक्ति की भर्ती की सुविधा
• श्रमिकों को रोजगार दिलाने की व्यापक प्रक्रिया
• नियोक्ताओं और कर्मचारियों के उत्तरदायित्व
• नौकरी सृजन और रोजगार के अवसर की पीढ़ी में ज्ञान और अनुभव का विनिमय
• मेजबान देश के श्रम कानूनों और नियमों के तहत श्रमिकों का कल्याण और संरक्षण
• नियोक्ता और कर्मचारी के बीच कार्य अनुबंध का संयुक्त अरब अमीरात की सरकार के श्रम मंत्रालय द्वारा सत्यातपन
• समझौता ज्ञापन के प्रावधानों को लागू करने के लिए दोनों सरकारों से कम से कम तीन सदस्य वाली एक संयुक्त समिति का गठन
इस समझौते से संयुक्त अरब अमीरात में काम कर रहे भारतीय श्रमिकों के हितों का संरक्षण किया जा सकेगा और यह सुनिश्चित किया जा सकेगा की उनके रोजगार के अनुबंध का पूर्णतया पालन हो.
विदित हो कि यह सहमति ज्ञापन एक तरह से वर्ष 2006 में हुए सहमति पत्र (Memorandum of Understanding एमओयू) का ही संशोधन और उन्नत स्वरूप है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसी भी परिस्थिति में नियोक्ता या कर्मचारियों के हितों के साथ समझौता न होने पाए.
भारत से बड़ी संख्या में लोग रोजगार के लिए यूएई जाते हैं और यही दोनों देशों के रिश्तों का प्रमुख आधार है. वर्ष 2006-11 के मध्य यूएई में काम कर रहे भारतीय श्रमिकों की दशा में व्यापक सुधार हुआ. और उनकी ओर से मिलने वाली शिकायतों में उल्लेखनीय गिरावट आई. संयुक्त अरब अमीरात में 17 लाख से अधिक भारतीय श्रमिक कार्यरत हैं.
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