भारत ने परमाणु उद्योग में परमाणु ईधन का रिकॉर्ड उत्पादन कर बड़ी सफलता प्राप्त की है. भारत ने यूरेनियम बंडल का 1,252 मीट्रिक टन रिकॉर्ड उत्पादन दर्ज किया है. यह देश में परमाणु रिएक्टरों की वार्षिक ईंधन जरूरतों का करीब दोगुना है. अभी देश में ‘प्रेशराइज्ड हेवी वाटर रिएक्टर्स’(पीएचडब्ल्यूआर) के लिए 650 मीट्रिक टन वार्षिक इधन की आवश्यकता है. अर्थात देश में परमाणु ईंधन आवश्यकता से अधिक है. हैदराबाद स्थित ‘न्यूक्लियर फ्यूल काम्पलेक्स’ ने इस वर्ष 2013-14 की तुलना में 30 फीसदी अधिक ईंधन का उत्पादन किया. वर्ष 2013-14 के दौरान 961.023 मीट्रिक टन परमाधु ईंधन का उत्पादन हुआ था.
उत्पादन में यह वृद्धि भारत-अमेरिका परमाणु करार और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) को माना जा रहा है. इनके माध्यम से यूरेनियम प्राप्त करने की प्रक्रिया को सरल बनाया गया है.
2008 में भारत-अमेरिका परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर करने से पहले एनएफसी ने 2008-09 में 226.89 लाख टन परमाणु ईंधन का उत्पादन किया.
परन्तु भारत-अमेरिका परमाणु करार के बाद वर्ष 2009-10 में 600.91 लाख टन उत्पादन बढ़ गया.
वर्तमान में भारत परमाणु शक्ति से 5780 मेगावाट (मेगावाट) के आसपास बिजली उत्पादन करता है. जिसमे कुल बिजली में 4780 मेगावाट का उत्पादन इस एनएफसी पर संसाधित ईंधन से उत्पन्न होता है.
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