अंतरराष्ट्रीय एजेंसी गैलप द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण के अनुसार भारत के 24 करोड़ युवाओं में 31 प्रतिशत का जीवन कष्टकर है. अंतरराष्ट्रीय एजेंसी गैलप ने वर्ष 2012 के 29 जनवरी से 8 मार्च के बीच किए सर्वेक्षण के आधार पर एक रिपोर्ट 1 मई 2012 को जारी की.
अंतरराष्ट्रीय एजेंसी गैलप द्वारा करवाए गए सर्वेक्षण के अनुसार अनुमान लगाया गया कि भारत में वैसे लोगों जिनके पास बहुत कुछ है और जिनके पास नहीं है के बीच का फासला बढ़ता जा रहा है. इस सर्वेक्षण में भाग लेने वाले 73 प्रतिशत लोगों की नजर में सरकार में भ्रष्टाचार का बोलबाला है. जनमत संग्रह के दौरान लोगों को अंतरराष्ट्रीय एजेंसी गैलप ने तीन श्रेणियों में रखा था - पहला जीवन में उन्नति कर रहे, दूसरा संघर्ष कर रहे और तीसरा जो कष्ट भोग रहे हैं.
गैलप द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार जो सबसे गरीब थे और बहुत कम पढ़े-लिखे थे वे मानते हैं कि वे पीड़ित वर्ग में हैं. रिपोर्ट में आय, शिक्षा और नियोजन को भारतीयों की अच्छी जिंदगी के महत्वपूर्ण कारक बताए गए. रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारतीय पूर्णकालिक नौकरी को अच्छी नौकरी मानते हैं. वर्ष 2012 की शुरुआत तक 43 प्रतिशत भारतीयों के पास ऐसी अच्छी नौकरी थी.
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