भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान कपिल देव को वर्ष 2014 के अर्जुन पुरस्कार के लिए चयन करने वाली पुरस्कार समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया. इस समिति को देश के लिए उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले खिलाडियों का चयन करना और खिलाडियों के नामों की सिफारिश करना है. इसकी जानकारी केन्द्रीय खेल सचिव अजित शरण ने 7 अगस्त 2014 को दी.
समिति में 15 सदस्य होंगे, जिसमें 12 प्रसिद्ध खिलाड़ी और तीन अधिकारी होंगे. तीन अधिकारी भारतीय खेल प्राधिकरण के महानिदेशक, महासचिव और खेल मंत्रालय के उच सचिव दोनों समितियों में होंगे. वर्ष 2013 अर्जुन पुरस्कार समिति के प्रमुख बिलियर्डस में चार बार के वर्ल्ड चैंपियन माइकल फरेरा थे.
इन पुरस्कारों की घोषणा राष्ट्रीय खेल दिवस अर्थात 29 अगस्त 2014 को की जानी है. खेल मंत्रालय के पास कई खेल फेडरेशनों की ओर से पुरस्कार के लिए नामांकन आ चुके हैं.
अर्जुन पुरस्कार के विजेता को पुरस्कार स्वरूप 5-5 लाख रुपए नगद, अर्जुन की प्रतिमा और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है.
कपिल देव
कपिल देव की कप्तानी में ही भारत ने पहली बार 1983 में क्रिकेट विश्व कप जीता था. कपिल देव ने अपने 16 वर्ष के कॅरियर में 131 टेस्ट खेले जिसमें उन्होंने 434 विकेट लिए थे. कपिल देव को वर्ष 1980 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
अर्जुन पुरस्कार
अर्जुन पुरस्कार के विजेता को पुरस्कार स्वरूप 5-5 लाख रुपए नगद, अर्जुन की प्रतिमा और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है.
सामान्यतः एक कैलेंडर वर्ष में 15 से अधिक खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार नहीं दिए जाते हैं, लेकिन अर्जुन पुरस्कारों की योजना में यह भी शामिल है कि विशेष वर्ष में राष्ट्रमंडल, एशियाई खेलों और ओलंपिक में प्रदर्शन में ध्यान में रखते हुए खेल मंत्रालय की अनुमति से 15 से अधिक खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार दिए जाने का प्रावधान है. वर्ष 2011 से पहले किसी कैलेंडर वर्ष में 15 से अधिक खिलाड़ियों को अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित नहीं किया गया था.
अर्जुन पुरस्कार से संबंधित मानदंड
• किसी अन्य खेल-अनुशासन में, जो उपर्युक्त सूची में नहीं आया, खिलाड़ी को दिए जाने वाले पॉइंट्स के बारे में चयन-समिति निर्णय करेगी. अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले खिलाड़ी को नब्बे और अन्य खिलाड़ियों को उसी अनुपात में अंक दिए जाने हैं.
• शेष दस प्रतिशत वेटेज पात्र खिलाड़ियों के मूल्यांकन के लिए उन खेल-स्पर्धाओं के प्रोफाइल और स्तर, जिनमें खिलाड़ियों ने पदक जीते, और नेतृत्व, खेल-भावना, टीम-भावना, उचित खेल और अनुशासन की भावना जैसे गुणों के आधार पर चयन-समिति द्वारा दिए जाने वाले अंकों को दिया जाने हैं.
• नए मानदंडों के अनुसार, ओलिंपिक्स और पैरालिंपिक्स में पदक जीतने वाले खिलाड़ियों के नामों पर उनके द्वारा जीते गए पदक के प्रकार के आधार पर स्वत: राजीव गांधी खेल रत्न या अर्जुन पुरस्कारों के लिए विचार किया जाना है.
• चयन-समिति ओलिंपिक्स, एशियाई खेलों और राष्ट्रमंडल खेलों में शामिल न किए जाने वाले क्रिकेट और देशी खेलों के लिए पुरस्कारों की संख्या की सिफारिश करेगी, जो दो से ज्यादा नहीं होने हैं.
• आम तौर पर, किसी एक वर्ष-विशेष में प्रत्येक खेल-अनुशासन में एक से अधिक पुरस्कार नहीं दिया जाना है, जो योग्य खिलाड़ियों की उपलब्धता के अधीन होगा. शारीरिक रूप से अक्षम और महिला खिलाड़ियों को पर्याप्त प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाएगा.
• प्रति खेल-अनुशासन एक पुरस्कार का सिद्धांत टीम में खेले जाने वाले और अक्रॉस जेंडर खेलों के मामले में लागू नहीं होगा.
• किसी अनुशासन-विशेष में चयन-समिति द्वारा अधिकतम अंकों वाले चार खिलाड़ियों (दो पुरुष और दो महिलाएँ) से ज्यादा पर विचार नहीं किया जाएगा.
• चयन-समिति उपर्युक्त शर्तों के अनुसार अर्जुन पुरस्कारों के लिए अंतिम सूची की सिफारिश करेगी.
• सामान्यत: एक कैलेंडर-वर्ष में पंद्रह से ज्यादा पुरस्कार नहीं दिए जाने हैं. किंतु अंतरराष्ट्रीय स्पर्धाओं में खिलाड़ियों के निष्पादन को मद्देनजर रखते हुए चयन-समिति अर्जुन-पुरस्कारों के लिए पंद्रह से ज्यादा नामों की सिफारिश कर सकती है.

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