भारतीय निर्वाचन आयोग ने 16 जून 2015 को नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) की मेघालय में राज्य पार्टी के रूप में मान्यता निलंबित कर दी. एनपीपी का नेतृत्व पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पीए संगमा कर रहे हैं.
यह निर्णय वर्ष 2014 के लोक सभा चुनावों के बाद पार्टी द्वारा निर्धारित 90 दिनों के भीतर चुनावों में हुए व्यय का ब्यौरा न दिए जाने के कारण लिया गया.
भारतीय निर्वाचन आयोग ने यह निर्णय संविधान की धारा 16ए चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के तहत लिया.
इसके अनुसार मॉडल कोड का पालन न करने अथवा संवैधानिक निर्देशों की उल्लंघना करने पर आयोग किसी भी राष्ट्रीय या राज्य पार्टी की मान्यता निलंबित अथवा रद्द कर सकता है.
यह ऐसा पहला मामला है जिसमें आयोग ने संवैधानिक निर्देशों की उल्लंघना करने पर संविधान की धारा 16ए चुनाव चिह्न (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के तहत निर्णय लेते हुए पार्टी की मान्यता निलंबित कर दी.
इससे पहले निर्वाचन आयोग ने पार्टी को दो बार स्मरण पत्र भेजा तथा मार्च 2015 में एनपीपी को सुप्रीम कोर्ट के आम आदमी बनाम भारतीय संघ मामले के अनुसरण के तहत कारण बताओ नोटिस भेजा गया.
वर्ष 2014 के आम लोकसभा चुनाव 28 मई 2014 को समाप्त होने के उपरांत सभी राजनैतिक पार्टियों को 26 अगस्त 2014 तक चुनाव व्यय का ब्यौरा दिया जाना निर्धारित किया गया था.
एनपीपी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सहयोगी पार्टी है तथा इसका एक सदस्य (पी ए संगमा) लोक सभा, 4 सदस्य राजस्थान विधान सभा तथा 2 सदस्य मेघालय विधान सभा में शामिल है. इसकी स्थापना जनवरी 2013 को हुई थी.
Now get latest Current Affairs on mobile, Download # 1 Current Affairs App
Comments
All Comments (0)
Join the conversation