भारतीय नौसेना की प्रमुख पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक 14 अगस्त 2013 को आग लगने से नष्ट हो गयी. आग लगने से पनडुब्बी पर तैनात 18 जवान के लापता होने की आशंका जताई गयी. आईएनएस सिंधुरक्षक में बैटरी चार्ज करने के दौरान धमाका हुआ था. सिधुरक्षक को समुद्री अभियान के तहत पेट्रोलिंग पर जाना था.
आईएनएस सिंधुरक्षक में आग लगने के बारे में भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल डी के जोशी ने कहा, “कम तीव्रता के एक विस्फोट के पश्चात दो बड़े विस्फोट हुए, जो कि इस पनडुब्बी पर आग लगने के कारण बनें.”
आईएनएस सिंधुरक्षक पर लगी आग की घटना की जांच के लिए नौसेना ने “बोर्ड ऑफ इंक्वायरी” के आदेश दिये.
आईएनएस सिंधुरक्षक का हाल ही में आधुनिकीकरण किया गया था जिस पर 480 करोड़ रुपये का व्यय हुआ था.
पनडुब्बी आईएनएस सिंधुरक्षक
• आईएनएस सिंधुरक्षक एक रूस निर्मित पनडुब्बी थी.
• इसकी निर्माता कंपनी एड्मिराल्टी शिपयार्ड है.
• इसे 1980 के दशक के आरंभ हुए समझौते के तहत भारत लाया गया था.
• इसे 1997 में परिचालन में लाया गया था.
• इसका वजन 2300 टन था.
• आईएनएस सिंधुरक्षक में वर्ष 2010 में भी आग लगी थी.
• यह सिंधुकोष वर्ग की पनडुब्बी थी.
• इसकी लंबाई 72.6 मीटर तथा चौड़ाई 9.9 मीटर थी.
• इसकी गति 19 किमी प्रति घंटे थी.
• इसकी रेंज 6000 एनएम स्नोर्टिंग तथा 400 एमएम का गोता लगाने की थी.
• इसकी सहन क्षमता 52 सदस्य तथा 45 दिन थी.
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