भारतीय रिजर्व बैंक ने नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) को 0.25 प्रतिशत घटाया. भारतीय रिजर्व बैंक ने यह निर्णय 17 सितंबर 2012 को किया. इस कटौती के बाद नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) दर 4.75 से घटकर 4.50 प्रतिशत हो गई.
भारतीय रिजर्व बैंक के इस निर्णय से बैंकिंग क्षेत्र के पास उधारी देने और अन्य जरूरतों के लिए 17000 करोड़ रुपए की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी.
वहीं रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया.
विदित हो कि बैंकों को अपनी जमा का एक निश्चित अनुपात रिजर्व बैंक के पास रखना होता है, उसे सीआरआर कहते हैं.
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति की मध्य तिमाही समीक्षा की मुख्य बिंदु:
• नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) में 0.25 प्रतिशत की कटौती, घटकर 4.50 प्रतिशत
• रेपो और रिवर्स रेपो दर क्रमश: 8 और 7 प्रतिशत पर स्थिर
• नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर में कटौती से बैंकिंग क्षेत्र में 17000 करोड़ रुपए उपलब्ध
• डीजल के दाम बढ़ने और सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की आपूर्ति सीमित होने से महंगाई पर दबाव बढ़ेगा
• चालू खाते के घाटे को वहनीय स्तर पर रखना रोजकोषीय मजबूती पर निर्भर करेगा
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