मध्य प्रदेश सरकार ने 10 जून 2014 को दक्षिण अफ्रीका स्थित टॉलस्टॉय फार्म के जीर्णोद्धार के लिए एक करोड़ रुपये दान देने की घोषणा की. यह वही जगह है जहां से महात्मा गांधी ने अपना पहला सत्याग्रह शुरु किया था.
इस दान की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जोहांसबर्ग के परित्यक्त इलाके जिसका स्वामित्व एक ईंट बनाने वाली कंपनी के पास है, की यात्रा के दौरान की.
दक्षिण अफ्रीकी जनता और राज्य के उद्यमियों के बीच निवेश और संयुक्त उपक्रम को बढ़ावा देने के लिए चौहान राज्य के उद्यमियों के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे थे.
इसके अलावा, भारतीय उच्चायोग स्थानीय भारतीय समुदाय और दक्षिण अफ्रीकी सरकार के साथ मिलकर 20 जुलाई 2014 को टॉलस्टॉय फार्म में गांधी के दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटने के सौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में एक समारोह का आयोजन करने वाला है. गांधी वर्ष 1914 में भारत वापस लौटे थे.
भारतीय उच्चायुक्त वीरेन्द्र गुप्ता ने फार्म में स्थानीय सामुदायिक संगठनों के समूह द्वारा विकसित किए जाने वाले गार्डन ऑफ रिमेंबरेंस की स्थापना वाली परियोजना की भी शुरुआत की. इस परियोजना को 20 जुलाई 2014 से शुरु किया जाएगा.
टॉलस्टॉय फार्म के बारे में
टॉलस्टॉय फार्म की स्थापना गांधी जी ने वर्ष 1910 में की थी. यह 1100 एकड़ में फैला हुआ था जिसे उनके वास्तुकार दोस्त हरमन कैलेनबेक ने दान में दिया था. इस फार्म का नाम टॉलस्टॉय फार्म रूसी लेखर लियो टॉल्स्टॉ के नाम पर रखा गया था. गांधी जी इनके लेखन से बेहद प्रभावित थे.
इसके अलावा, गांधी जी के सत्याग्रह के सिद्धांतों ने तत्कालीन दक्षिण अफ्रीका के अन्यायपूर्ण और नस्लवादी शासन से लड़ने में धैर्यवान विरोधी समुदाय की मदद की थी. धैर्यवान विरोधी समुदाय में विभिन्न पृष्ठभूमियों, जातियों और धर्म के लोग थे जो फार्म में मिलकर रहते थे.
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