सर्वोच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि महिलाओं के लिए ड्रेस कोड और मोबाइल फोन का उपयोग नहीं करने का खाप पंचायतों का आदेश गैरकानूनी है. इसके साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने खाप पंचायतों को इस मुद्दे पर 25 फरवरी 2013 तक जवाब देने का निर्देश दिया.
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति आफताब आलम व न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई की पीठ ने 14 जनवरी 2013 को यह निर्णय दिया, खाप पंचायतों के ऐसे आदेश जीने के मौलिक अधिकारों के विरुद्ध होने के साथ ही साथ कानून का उल्लंघन भी है. भारत के संविधान का अनुच्छेद 21 भारत के प्रत्येक नागरिक को जीवन जीने के अधिकार को निश्चित करता है.
भारत के संविधान का अनुच्छेद 21
किसी व्यक्ति को उसके प्राण या दैहिक स्वतंत्रता से विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही वंचित किया जाएगा अन्यथा नहीं.
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