राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस: 11 अप्रैल 2013
देश भर में राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस 11 अप्रैल 2013 को मनाया गया. इसका उद्देश्य गर्भवती और दूध पिलाने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य की उचित देखभाल और प्रसव सुविधाओं के बारे में जागरूकता पैदा करना है.
सुरक्षित प्रसव महिला का सामाजिक और मूल अधिकार है और इसे सुनिश्चित करने के लिए गर्भवती महिलाओं में खून की कमी न होने देना और उन्हें भरपूर पोषण देना आवश्यक है. महिलाओं के गर्भवती होने के दौरान, उनकी सही देखभाल और आयरन फोलिक्स एसिड की खुराक आवश्यक है. वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार भारत में मातृत्व मृत्यु दर में 17 प्रतिशत तक की कमी आई है. सही एवं सुरक्षित मातृत्व लाभ के लिए माताओं को अच्छी गुणवत्ता वाला खाना, समय पर स्वास्थ्य सेवाएं और तनाव मुक्त जीवन के साथ व्यायाम आवश्यक है.
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