केंद्र सरकार ने माइक्रो फाइनेंस संस्थान (विकास व नियमन) विधेयक, 2012 लोकसभा में पेश किया. 22 मई 2012 को पेश किए गए माइक्रो फाइनेंस संस्थान (विकास व नियमन) विधेयक के तहत गरीब लोगों को बैंकिंग, बीमा जैसी वित्तीय सेवाएं देने वाली माइक्रो फाइनेंस संस्थाएं की निगरानी हेतु केंद्र सरकार द्वारा तीन स्तरीय ढांचा तैयार करना है.
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा गठित वाईएच मालेगाम समिति की रिपोर्ट के आधार पर माइक्रो फाइनेंस संस्थान (विकास व नियमन) विधेयक, 2012 तैयार किया गया है. इस विधेयक के अनुसार केंद्र सरकार द्वारा तीन स्तरीय ढांचा के अलावा भारतीय रिजर्व बैंक को माइक्रो फाइनेंस संस्थाएं के लिए प्रोसेसिंग फीस, ब्याज, जीवन बीमा प्रीमियम या अन्य सुविधाओं के लिए शुल्क तय करने का अधिकार होगा.
माइक्रो फाइनेंस संस्थान (विकास व नियमन) विधेयक, 2012 के तहत राष्ट्रीय स्तर पर माइक्रो फाइनेंस विकास परिषद का गठन किया जाना है. दूसरे स्तर पर राज्य स्तरीय माइक्रो फाइनेंस परिषद का गठन होगा. जबकि तीसरे स्तर पर जिला स्तरीय माइक्रो फाइनेंस समितियां होंगी. उक्त तीनों परिषदें व समिति हर तीन महीने पर भारतीय रिजर्व बैंक को अपनी रिपोर्ट पेश करेंगी.
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