मेघालय की प्रथम पद्मश्री पुरस्कार-विजेता सिल्वेरिन स्वेर का 1 जनवरी 2014 को रिआतसमतियाह (Riatsamthiah) स्थित अपने निवास पर निधन हो गया. वह 103 वर्ष की थीं. उन्हें वर्ष 1990 में भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति आर. वेंकटरमणन ने पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया था. वह मेघालय की सबसे उम्रदराज मतदाता भी थीं.
सिल्वेरिन स्वेर से संबधित मुख्य तथ्य
• सिल्वेरिन स्वेर जीवनकाल में चार युद्ध हुए. दो विश्वयुद्ध, चीन-भारत युद्ध और बांग्लादेश के मुक्ति-युद्ध में भारत की संलग्नता.
• उनका जन्म 12 नवंबर 1910 को हुआ था.
• वर्ष 1932 में उन्होंने तत्कालीन कलकत्ता के स्कॉटिश चर्च कॉलेज से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी की.
• वर्ष 1944 में द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान उन्होंने असम सरकार के अधीन सहायक राशनिंग कंट्रोलर के रूप में जॉइन किया. इस पद पर वे 1949 तक रहीं.
• उन्हें प्यार से कोंग सिल बुलाया जाता था.
• राशनिंग प्रणाली को संभालने और असम में गाइड्स आंदोलन में अपनी सेवाएँ देने पर उन्हें उनकी दक्षता और निष्ठा के लिए सरकार द्वारा केसर-ए—हिंद पदक से सम्मानित किया गया.
• वह मॉरल रीआर्मामेंट (एमआरए) के गुडविल मूवमेंट की सदस्य थीं.
• वह राज्य समाज कल्याण सलाहकार बोर्ड की अध्यक्ष रहीं.
• वह अंतरराष्ट्रीय महिला वर्ष की अध्यक्ष भी रहीं.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation