ग्लोबल निवेश बैंक मॉर्गन स्टैनले और एचएसबीसी ने वित्त वर्ष 2013-14 के लिए भारत की आर्थिक विकास दर का अनुमान घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया. इससे पहले दोनों ने 6.2 प्रतिशत विकास दर का अनुमान जताया था. घरेलू और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चुनौतीपूर्ण माहौल और पिछली तिमाही में कमजोर विकास के चलते अनुमान में यह कमी की गई है.
एचएसबीसी के अनुसार भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है, लेकिन इसकी रफ्तार धीमी है. घरेलू संकेतक विकास में स्थिरता दिखा रहे हैं. इसके बावजूद सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर पिछले अनुमान से कम रहने के आसार हैं. बैंक ने चालू वित्त वर्ष (2012-13) के लिए अपना अनुमान 5.2 से घटाकर 5 प्रतिशत किया.
मॉर्गन स्टैनले के अनुसार चालू वित्त वर्ष (2012-13) की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में कृषि, मैन्यूफैक्चरिंग और खनन क्षेत्र में कमजोरी के कारण विकास दर केवल 4.5 प्रतिशत रही. वैसे, दिसंबर में समाप्त तिमाही में अर्थव्यव्यस्था में गिरावट समाप्त होने के संकेत हैं. अगली तिमाहियों में कृषि क्षेत्र के साथ-साथ मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र में भी सुधार होने की उम्मीद है.
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