अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी): भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने आधार कार्ड की सहायता से ‘अपने ग्राहक को जानिए’ (केवाईसी) की पूरी प्रक्रिया को कागज विहीन, सुरक्षित और फायदेमंद बनाने का निर्णय किया.
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने आधार कार्ड की सहायता से ‘अपने ग्राहक को जानिए’ (केवाईसी) की पूरी प्रक्रिया को कागज विहीन, सुरक्षित और फायदेमंद बनाने का निर्णय किया. प्राधिकरण को उम्मीद है कि केवाईसी की प्रक्रिया इलैक्ट्रोनिक हो जाने से ग्राहकों को सुविधा रहेगी और वे आसानी से पहचान और पता दाखिल कर सकेंगे. ग्राहकों के वर्तमान खातों में भी आधार नम्बर आ जाने हैं.
वित्त मंत्रालय पहले ही ई-केवाईसी को वित्तीय सेवाओं हेतु एक वैध दस्तावेज घोषित कर चुका है. ई-केवाईसी सेवा का उपयोग करके नागरिक, प्राधिकरण को केवाईसी संबंधी जानकारी उनके सेवा प्रदाता को उपलब्ध कराने हेतु अधिकृत कर सकेंगे. तब प्राधिकरण संबद्ध नागरिक का नाम, पता, जन्म तिथि, लिंग, फोटो मोबाइल नम्बर और ई-मेल आदि सेवा प्रदाता को उपलब्ध करा सकेंगे.
आधार केवाईसी सेवा की मुख्य विशेषताएं
1. कागज विहीन – यह सेवा पूर्ण रूप से इलैक्ट्रोनिक है और इसमें कागजी दस्तावेजों की प्रबंधन की आवयकता नहीं पड़ेगी.
2. सहमति पर आधारित – आधार प्राधिकरण केवाईसी संबंधी जानकारी संबद्ध नागरिक की सहमति से ही किसी को उपलब्ध कराएगा और इस तरह नागरिक की निजता सुरक्षित रहेगी.
3. दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा समाप्त – इस प्रक्रिया में विभिन्न दस्तावेजों की फोटो प्रतियों की आवश्यकता नहीं होनी है. प्राधिकरण द्वारा ही ई-केवाईसी डेटा सेवा प्रदाता को उपलब्ध कराई जानी है इसलिए दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा संभव नहीं होनी है.
4. आई टी कानून के अनुरूप सुरक्षित – डेटा हस्तांतरण की प्रक्रिया सूचना प्रौद्योगिकी कानून 2000 के अनुरूप होना है और इसमें डिजिटल हस्ताक्षर किए जाने हैं.
5. कम लागत – प्रमाणिक कागजी दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं रहने से उस प्रक्रिया से तैयार केवाईसी पर लागत बहुत कम हो जानी है.
6. तात्कालिकता – यह सेवा पूर्ण रूप से स्वचालित होनी है. इसलिए इसमें केवाईसी डेटा तत्काल उपलब्ध हो सकेगा.
ई-केवाईसी के लाभ
ई-केवाईसी में दस्तावेजों और फोटो कापी आदि को इधर-उधर ले जाने की आवश्यकता नहीं होनी है. इस तरह उनकी दस्तावेजों की चोरी अथवा उन्हें कहीं भूल जाने से होने वाली कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा. इससे पर्यावरण को लाभ पहुंचेगा. कोई कागज नहीं तो कोई कूड़ा करकट भी नहीं. वह ग्राहकों की तरह सेवा प्रदाताओं के लिए भी उतना ही सुविधाजनक और लाभकारी रहेगा. इसके अलावा नियामक संस्थाएं भी तत्काल किसी भी केवाईसी पर नजर रख सकेंगी.
• आधार 12 अंकों का व्यक्तिगत पहचान नम्बर है जो भारत में हर जगह पहचान और पते का प्रमाण माना जाता है.
• कोई भी व्यक्ति चाहे उसका लिंग कोई भी हो और वो भारत का नागरिक हो, वह नि:शुल्क आधार नम्बर प्राप्त कर सकता है. यह आधार नम्बर पूरे जीवन के लिए वैध होना है.
• आधार हर व्यक्ति को, जिसके जनसांख्यिकीय सूचना एवं बॉयोमेट्रिक्स के आधार पर पहचान प्रदान करता है. इसके द्वारा पूरे देश में सभी सरकारी और निजी एजेंसियों को व्यक्ति विशेष की पहचान के बारे में सूचना मिल जाती है.
• आधार शब्द का अर्थ बुनियाद होता है. इसके आधार पर सभी प्रणालियां काम करती है. इसका उपयोग भारत का नागरिक अपनी पहचान बताने के लिए कर सकता है. इसके आधार पर कोई भी व्यक्ति निम्नलिखित कार्यक्रमों से लाभ उठा सकता है-
भोजन एवं पोषण- सार्वजनिक वितरण प्रणाली, खाद्य सुरक्षा, मिड-डे मील, एकीकृत बाल विकास योजना.
रोजगार- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोजगार योजना, इंदिरा आवास योजना, प्रधानमंत्री रोजगार गारंटी योजना.
शिक्षा- सर्वशिक्षा अभियान, शिक्षा का अधिकार
समावेश एवं सामाजिक सुरक्षा - जननी सुरक्षा योजना, प्राचीन जनजातीय समूहों का विकास, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्ध पेंशन योजना.
स्वास्थ्य- राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना, जनाश्री बीमा योजना, आम आदमी बीमा योजना.
• मतदाता पहचान पत्र, पेन कार्ड, सम्पत्ति की खरीद-फरोख्त जैसे अन्य उद्देश्यों हेतु
• प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना के तहत जिन लोगों को मौद्रिक लाभों के योग्य पाया गया है, उन लाभार्थियों के बैंक खातों में धनराशि का सीधा हस्तांतरण होना है. यह खाते आधार नम्बर से जुड़े होने हैं. अभी तक बड़ी संख्या में लाभार्थियों को आधार कार्ड दिया जाना बाकी है. इसी वजह से लाभों को बिना आधार नम्बर के भी बैंक खातों में जमा किया जा रहा है.
• रसोई गैस हेतु प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण के अंतर्गत आधार नम्बर वाले सभी उपभोक्ताओं, जिनके बैंक खाते आधार नम्बर से जुड़े हैं, उन सभी को सिलेंडर बुक करने के अवसर पर प्रति सिलेंडर 435 रुपये की अग्रिम राशि दी जा रही है. रसाई गैस बाजार कीमत पर उपलब्ध किए जाने हैं, लेकिन इस पर दी जाने वाली सब्सिडी की रकम उनके खातों में अपने आप चली जानी है.
• आधार वित्तीय समावेश का एक महत्त्वपूर्ण उपाय है. आधार कार्ड के बल पर निर्धन व्यक्ति भी बैंकों में खाता खोलने हेतु अपनी पहचान दे सकता है. वे इसे रेल यात्रा के दौरान भी पहचान प्रमाण के तौर पर अपने साथ रख सकते हैं.
• आधार कार्डों के बैंक खातों से जुड़े होने के कारण ग्रामीण नागरिक एक दूसरे के साथ तथा कम्पनियों के साथ अपने गांव से बाहर इलैक्ट्रोनिक रूप से लेन-देन कर सकते हैं. इससे उनकी नकदी पर निर्भरता कम होनी है.
• एक बार जब आधार आधारित सूक्ष्म-भुगतान प्रणाली काम करने लगेगी, तब सूक्ष्म-ऋण, सूक्ष्म-बीमा, सूक्ष्म-पेंशन और सूक्ष्म-म्यूचुअल फंड जैसे अन्य वित्तीय कार्य भी सुगम हो जाने हैं.
• आधार कार्ड से भारत के प्रत्येक नागरिक को जीवन भर के लिए निर्धारित पते का प्रमाण प्राप्त हो जाता है, इसका उपयोग भुगतान पते के लिए भी किया जा सकता है.
• आधार ई-केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) सेवा जन्म-तिथि और लिंग के साथ-साथ पहचान तथा पते के इलैक्ट्रोनिक प्रमाण के रूप में काम करता है. इसके अलावा, इसके द्वारा सेवा प्रदाताओं को प्रत्येक व्यक्ति के मोबाईल नम्बर और ई-मेल पते का प्रमाण भी प्राप्त हो जाता है, जिससे सेवा देने में और सुविधा होती है.
• भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण द्वारा दिए जाने वाले डिजिटल तौर पर हस्ताक्षरित इलैक्ट्रोनिक्स केवाईसी डाटा को मशीन द्वारा पढ़ा जा सकता है. इसके ज़रिये सेवा करदाता सेवाओं, खाता निरिक्षण इत्यादि हेतु सूचनाओं को अपने ग्राहक के रिकार्ड में सीधे दाखिल कर सकता है. ऐसा करने से मानवीय हस्तक्षेप समाप्त हो जाने हैं और प्रक्रिया सस्ती हो जानी है एवं गलती की सम्भावना कम हो जानी है.
• ई-केवाईसी सेवा को आधार नम्बरों के जरीये मौजूदा लाभार्थियों के रिकार्डों से जोड़ा जा सकता है.
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