यूरोप के यूरोपीयन कोर्ट ऑफ जस्टिस (ईसीजे) ने 8 अप्रैल 2014 को ईयू डाटा रिटेंशन डायरेक्टिव जो टेलिकॉम ऑपरेटरों को दो वर्षों तक उपभोक्ता के निजी फोन और ईमेल के डाटा को रखने को मजबूर करता था, को समाप्त कर दिया.
ईसीजे ने अपने फैसले में कहा कि मोबाइल ऑपरेटरों और इंटरनेट सेवा प्रदाओँ के लिए डाटा रखना लोगों के मौलिक अधिकारों में दखल देने जैसा है. यह लोगों के निजी जीवन का सम्मान और व्यक्तिगत सूचनाओं की रक्षा के अधिकार का उल्लंघन करता है.
हालांकि अदालत ने माना कि इससे गंभीर अपराधों से लड़ने में मदद मिलती है लेकिन उसने यह भी कहा कि आंकड़ों के दुरुपयोग को रोकने और रीटेंशन अवधि के खत्म होने पर उन्हें नष्ट करना सुनिश्चित करने के लिए निरीक्षण की अपर्याप्त व्यवस्था है. 28 सदस्यों वाले यूरोपीय संघ (ईयू) को इसे वापस लेने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए कहा गया था.
अदालत ने यह फैसला डीजिटल राइट्स आयरलैंड द्वारा दायर एक याचिका की सुनवाई के बाद दिया. याचिकाकर्ताओं ने आयरलैंड के डाटा रिटेंशन लॉ को मानवाधिकार औऱ मौलिक अधिकारों के राजपत्र के तहत निजता के अधिकार का उल्लंघन बताकर चुनौती दी थी.
इस डायरेक्टिव को ईयू ने 2006 में अपनाया था. इसके बाद ईयू के देशों के लिए लोगों के व्यक्तिगत इंटरनेट, मोबाईल टेलिफोन और टेक्स मेटाडाटा, समय, तारीख, अवधि और स्थान लेकिन इसमें संचार की सामग्री शामिल नहीं थी, को छह माह से दो वर्ष तक रखना अनिवार्य हो गया था. इसे आतंकवाद से लड़ने के इरादे से जारी किया गया था.
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