यूरोपीय संघ ने 12 दिसंबर 2013 को पाकिस्तान को प्राथमिकताओं की सामान्य योजना के अंतर्गत जीएसपी प्लस का दर्जा प्रदान किया. इस कदम से पाकिस्तान के वस्त्र और अन्य उद्योगों को बढ़ावा मिलने के अलावा यह 27 यूरोपीय देशों में शुल्क मुक्त निर्यात कर सकेगा. यूरोपीय संसद के 406 सदस्यों ने ब्रसेल्स में संघ के एक सत्र में इस कदम का समर्थन किया. इस सौदे के तहत 75 पाकिस्तानी उत्पादों की यूरोपीय बाजारों में शुल्क मुक्त पहुँच होगी.
यूरोपीय बाजारों के लाभ का उपयोग करना प्रधानमंत्री नवाज शरीफ सरकार की रणनीति सर्वोच्च प्राथमिकता के रुप में अपने आर्थिक एजेंडे में थी. इस कदम पाकिस्तान अनुमानतः एक बिलियन डॉलर के उत्पादों का निर्यात कर पाने में सफल होगा तथा पाकिस्तान के कपड़ा उद्योग को एक ट्रिलियन रुपए से अधिक का लाभ कमाने में मदद मिलेगी. कुल मिलाकर, निर्यात में वृद्धि और आर्थिक विकास की सुविधा के अतिरिक्त इससे लाखों रोजगार उत्पन्न होंगे.
विश्लेषकों के अनुसार, यूरोपीय संघ से पाकिस्तान को व्यापार में रियायत मिलने से देश के कपड़ा और वस्त्र उद्योग को फायदा होगा और साथ ही, बांग्लादेश और श्रीलंका जैसे प्रतिद्वंद्वियों के उत्पादों के साथ अपने उत्पादों की प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम होगा. दोंनो देशों की यूरोपीय संघ के बाजारों में शुल्क मुक्त पहुंच की व्यवस्था उपलब्ध है.
वर्तमान में, यूरोपीय संघ में पाकिस्तान का कपड़ा और वस्त्र निर्यात कुल 9.5 अरब डॉलर का है. जीएसपी प्लस का दर्जा पाकिस्तान के लिए कुल 3500 उत्पादों को शुल्क मुक्त या तरजीही शुल्क दर (Preferential Duty Rate Access) प्रदान करेगा. इस समय यूरोपीय संघ के लिए पाकिस्तानी टेक्सटाइल निर्यात पर 11 प्रतिशत शुल्क है. सौदा करवाने और यह दर्झा प्राप्त करने के लिए पाकिस्तान ने यूरोपीय संघ के कई देशों से सिफारिश पैरवी की थी.
यूरोपीय संघ के जीएसपी प्लस की स्थिति
यूरोपीय संघ के जीएसपी (प्राथमिकताओं की सामान्य योजना, Generalised Scheme of Preferences, GSP) विकासशील देशों को यूरोपीय संघ में उनके निर्यात पर निर्यातकों के विकास के लिए कम शुल्क का भुगतान करने की अनुमति देता है. इससे उन्हें यूरोपीय संघ के बाजारों में महत्वपूर्ण पहुंच मिलती है जो उनके आर्थिक विकास के लिए योगदान देती है. जीएसपी में सुधार 2014 से ही लागू होगें आगे सबसे ज्यादा ध्यान जरूरतमंद देशों को समर्थन देने पर दिया जाएगा.
यूरोपीय संघ ने 31 अक्टूबर 2012 को जीएसपी सुधार कानून को अपनाया, जिसमें आर्थिक संचालकों को नई योजना के अनुकूल बनाने के लिए पर्याप्त समय की अनुमति का प्रवाधान है, नई प्राथमिकताओं को 1 जनवरी 2014 से लागू किया जाएगा.
योजना के तीन मुख्य बिंदु (व्यवस्था)
• जीएसपी योजना के मानक विकासशील देशों के लिए उदार टैरिफ में कटौती प्रदान करते हैं. व्यावहारिक रूप से, यह आंशिक या सभी उत्पाद श्रेणियों में से दो तिहाई पर आंशिक शुल्क हटाते हैं.
• जीएसपी प्लस संवर्धित वरीयताओं का अर्थ अनिवार्य रूप से एक ही उत्पाद श्रेणियों पर शुल्क को पूरी तरह हटाने को सामान्य व्यवस्था द्वारा कवर किया जाना है. ये उन देशों के लिए प्रदान किए जाते हैं जो मानव और श्रम अधिकारों, पर्यावरण और सुशासन से संबंधित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों की पुष्टि करते हैं.
• न्यूनतम विकसित देशों (एलडीसी) के लिए ‘सभी कुछ लेकिन शस्त्र (EBA) योजना’, जिसमें हथियार और गोलाबारूद को छोड़कर सभी उत्पाद हैं, के लिए शुल्क मुक्त व कोटा मुक्त प्रवेश प्रदान किया जाता है.
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