रक्षा मंत्रालय ने भारतीय वायु सेना के लड़ाकू संवर्ग में महिलाओं को लड़ाकू पायलट के रूप में शामिल करने को 24 अक्टूबर 2015 को अपनी मंजूरी दे दी. यह कदम भारतीय महिलाओं की आकांक्षाओं को ध्यान में रखते हुए और विकसित देशों के सशस्त्र बलों में समकालीन चलन के अनुरूप उठाया जा गया.
उपरोक्त निर्णय के तहत प्रारंभ में महिला पायलटों का चयन वर्तमान में वायुसेना एकेडमी में प्रशिक्षण ले रहीं महिलाओं के बैच से किया जाएगा. आरम्भिक प्रशिक्षण के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद वे जून 2016 में लड़ाकू संवर्ग में कार्य करने के लिए अधिकृत हो जाएंगी. इसके बाद उन्हें एक वर्ष के लिए उन्नत प्रशिक्षण से गुजरना होगा और जून 2017 से वे एक लड़ाकू कॉकपिट में प्रवेश कर लेंगी.
विदित हो कि वर्तमान में, भारतीय सेना ने महिलाओं को सिग्नल्स, इंजीनियर्स, आर्मी एविएशन (एयर ट्रैफिक कंट्रोल), सेना वायु रक्षा, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर्स, सेना सेवा कोर, आर्मी ऑर्डिनेंस कोर, खुफिया कोर, सेना शिक्षा कोर और जज एडवोकेट जनरल शाखाओं/कैडरों में शामिल किया जाता है. भारतीय नौसेना ने महिलाओं को जज एडवोकेट जनरल, रसद, प्रेक्षक, एयर ट्रैफिक कंट्रोलर, नेवल कंस्ट्रक्टर और शिक्षा शाखाओं/कैडरों में शामिल किया है. भारतीय वायु सेना में वर्तमान में परिवहन और उड़ान शाखा के हेलीकाप्टर वर्ग, नेविगेशन, एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग, प्रशासन, रसद, लेखा, शिक्षा और मौसम विज्ञान शाखाओं में महिलाओं को शामिल किया जाता है.
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