कनाडा का क्यूबेक प्रांत 5 जून 2014 को राइट–टू–डाई कानून अपनाने वाला पहला प्रांत बन गया जिसमें एक मरणासन्न रोगी को डॉक्टर की मदद से खुद को मारने की इजाजत मिलती है. यह कानून नेशनल असेंबली में 94–22 के ऐतिहासिक मतदान के बाद अपना लिया गया.
तथाकथित गरिमा के साथ मौत या बिल 52 कानून को वैध करने के साथ ही क्यूबेक डॉक्टर की मदद से मृत्यु को वैध बनाने वाला देश का पहला प्रांत बन गया.
ऐसा लगता है कि इच्छामृत्यु या सहायता प्राप्त आत्महत्या के कानून को वैध करने वाला कानून ओटावा में न्यायिक प्रक्रिया का परिणाम है क्योंकि व्यक्ति की सहमति के बाद भी संघीय कानून इच्छामृत्यु की इजाजत नहीं देता.
दूसरी तरफ कनाडा का संघीय क्रिमिनल कोड भी सहायता प्राप्त आत्महत्या या इच्छामृत्यु की इजाजत नहीं देता और इसलिए इस कानून की वैधता को चुनौती दी जा सकती है. जबकि, क्यूबेक ने इसे स्वास्थ्य से जुड़ा मुद्दा बताते हुए कहा कि चूंकि यह आपराधिक कृत्य नहीं है इसलिए यह संघीय न्याय के दायरे के बजाए प्रांत के न्याय क्षेत्र में आता है. क्यूबेक के प्रमुख फिलिप कौलियार्ड ने दलील दी कि यह जीवन के देखभाल का अंत है न कि इच्छामृत्यु.
जिन देशों में इच्छामृत्यु कानूनी रूप से वैध है–
• नीदरलैंड
• बेल्जियम
• लक्जमबर्ग
सहायता प्राप्त आत्महत्या स्विट्जरलैंड, अमेरिका के ओरेगॉन, वाशिंगटन और वर्मोंट जैसे कुछ देशों में मान्य हैं.
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