राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में पश्चिमी शास्त्रीय संगीत के विख्यात कलाकार जुबिन मेहता को सांस्कृतिक सद्भाव के लिए टैगोर पुरस्कार-2013 से 6 सितम्बर 2013 को सम्मानित किया. भारत के जुबिन मेहता को संगीत को शांति और एकता का माध्यम बनाने के उनके प्रयास के लिए सम्मानित किया गया.
पश्चिमी शास्त्रीय संगीत के भारतीय-पारसी कलाकार जुबिन मेहता का चयन सांस्कृतिक सौहार्द हेतु टैगोर पुरस्कार- 2013 के लिए 4 जुलाई 2013 को किया गया था.
जुबिन मेहता
जुबिन मेहता अमेरिका में बस गए हैं परन्तु अभी भी उनके पास भारत की नागरिकता है. वह इजरायल फिलहारमोनिक ऑर्केस्ट्रा (Israel Philharmonic Orchestra) के आजीवन संगीत निर्देशक हैं. भारत सरकार ने उन्हें वर्ष 1966 में पद्मभूषण तथा वर्ष 1991 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया था.
• जुबिन मेहता ने लंदन फिलहारमोनिक ऑर्केस्ट्रा में भारतीय सितार वादक पंडित रविशंकर के साथ सितार संगीत रचना नंबर-2 (Sitar Concerto No. 2) में भाग लिया था.
• वह वर्ष 1978-91 तक न्यूयार्क फिलहारमोनिक के कार्यकारी निर्देशक रहे.
• जुबिन मेहता को इस्राइल के पहले राष्ट्रपति पुरस्कार ‘प्रेसीडेंशियल अवाड्र्स ऑफ डिस्टिंक्शन’ से सम्मानित किया गया जो फ्रांस के ‘लीजन ऑफ ऑनर’ या ‘आर्डर ऑफ कनाडा’ के समकक्ष माना जाता है.
• जुबिन मेहता का जन्म मुंबई (महाराष्ट्र, भारत) के एक पारसी परिवार में 29 अप्रैल 1936 को हुआ था.
सांस्कृतिक सद्भाव के लिए टैगोर पुरस्कार
भारत सरकार द्वारा सांस्कृतिक सद्भाव के लिए टैगोर पुरस्कार की स्थापना गुरूदेव रबीन्द्रनाथ टैगोर की 150वीं जयंती के अवसर पर की गई. इसकी घोषणा वित्तमंत्री ने 28 फरवरी 2011 को अपने बजट भाषण में की थी. इस अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार के तहत विजेता को 1 करोड़ रुपए की राशि, शाल और स्मृति चिन्ह प्रदान किया जाता है. रबीन्द्रनाथ टैगोर की 150वीं जयंती के समापन समारोह में इस पुरस्कार की घोषणा 7 मई 2012 को की गई. सांस्कृतिक सद्भाव के लिए प्रथम टैगोर पुरस्कार (2012) सितारवादक पंडित रविशंकर को को प्रदान किया गया था.
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