भारत के बाजार नियामक सेबी ने रियल स्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs) विनियम 2014 और इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InvITs) विनियम 2014 के लिए अंतिम नियमों की अधिसूचना 26 सितंबर 2014 को जारी की. इससे रियल्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्रों में और अधिक पारदर्शी तरीके से अधिक धन को आकर्षित करने में मदद मिलेगी.
सेबी ने अगस्त 2014 में में कहा था कि रियल स्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs) को न्यूनतम 5 बिलियन रूपयों ( 81.1 मिलियन डॉलर) की एसेट पूल के साथ काम करना चाहिए. इसके बाद यह अधिसूचना जारी की गई है. उसने यह भी कहा था कि रियल स्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs) के पास शेयरधारकों के लिए न्यूनतम 2.5 बिलियन रुपये की शुरुआती इश्यू आकार होना चाहिए.
सेबी (रियल स्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट्स) विनियम, 2014 (REITs विनियम) की अधिसूचना LAD-NRO/GN/2014-15/11/1576 के जरिए और सेबी (इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट ट्रस्ट्स) विनियम, 2014 ( InvITs विनियम ) की अधिसूचना LAD-NRO/GN/2014-15/10/1577 के जरिए दी गई है. सेबी ने ये दो विनियम भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड अधिनियम, 1992 ( 1992 का 15) की धारा 11 और 12 के साथ धारा 30 के तहत मिली शक्तियों का प्रयोग कर किया है. ये शक्तियां रियल एस्टेट निवेश ट्रस्ट और पंजीकरण एवं विनिमय के साथ इंफ्रास्ट्रक्चर निवेश ट्रस्ट औऱ पंजीकरण एवं विनिमय के लिए रूपरेखा तैयार करने हेतु दी गई थीं.
रियल स्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs) और इंफ्रास्ट्रक्चर इंवेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InvITs) के बारे में
रियल स्टेट इंवेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs) और (InvITs) सूचीबद्ध निकाय हैं जो मुख्य रूप से आय–उत्पादक परिसंपत्तियों में निवेश करती हैं, जिसकी आमदनी का अधिकांश हिस्सा शेयरधारकों में बांट दिया जाता है. उन्हें आमतौर पर विशेष कर प्रबंध मिलता है.
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