अमेरिकी मुद्रा, डॉलर के मुकाबले भारतीय रूपये की गिरती कीमत को थामने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने 11 जून 2013 को ऐसे कदम उठाये जिससे देश की अर्थव्यवस्था में विदेशी मुद्दा का भण्डार बढ़ सके. इस दिशा में सर्वाधिक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए रिजर्व बैंक ने निर्यात से प्राप्त होने वाली आय को ऑनलाइन माध्यम से देश में वापस लाने के सीमा 3000 अमेरिकी डॉलर से बढ़ाकर 10000 डॉलर कर दी.
इसके अतिरिक्त रिजर्व बैंक ने एक अन्य निर्णय में यह अनिवार्य कर दिया कि विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) के माध्यम से कारोबार करने वाली निर्यातक इकाईयों को अब अपने निर्यात मूल्य का पूरा हिस्सा एक वर्ष के भीतर देश में वापस लाना होगा. इससे पहले एसईजेड से कारोबार करने वाली इकाईयों के लिए इस तरह की कोई भी अनिवार्य शर्त नहीं थी. अप्रैल 2013 में एसईजेड से हुए कुल निर्यात का मूल्य 24.16 बिलियन डॉलर (रूपये 1.31 लाख करोड़) जो कि अप्रैल 2012 में हुए कुल निर्यात 23.7 बिलियन डॉलर से अधिक रहा. वर्तमान में देश में कुल 166 विशेष आर्थिक क्षेत्र प्रचालन में हैं जिनका निर्यात में योगदान देश के कुल निर्यात का लगभग 30 फीसदी रहा.
गौरतलब है कि डॉलर के मुकाबले रूपया 11 जून 2013 को अपने अब तक के सबसे निम्न स्तर 58.96 रूपये पर पहुंच गया. रूपये की कीमत में यह गिरावट 10 एवं 11 जून 2013 के दो कार्यकारी दिनों में 3.5 फीसदी है जबकि 30 अप्रैल 2013 के बाद से 8 फीसदी की गिरावट है.
Comments
All Comments (0)
Join the conversation