भारतीय रेल 64015 किलोमीटर मार्ग पर 17000 रेलगाड़ियों के सहारे एक करोड़ 80 लाख यात्रियों को प्रतिदिन ढोने का काम करती है. इतने बड़े नेटवर्क में संचालन करना अपने आप में चुनौती है. प्राकृतिक समस्याओं या मानवीय चूक से कभी कभी दुर्घटनाएं हो जाती हैं. इनसे निपटने के लिए इस बज़ट में निम्न उपायों का प्रस्ताव रखा गया है :
- टक्कर रोधी उपकरण (एसीडी) और गाड़ी सुरक्षा चेतावनी प्रणाली (टीपीडब्ल्यूएस) को तीन क्षेत्रीय रेलों की चार परियोजनाओं (828 किलोमीटर) में लगाने का प्रस्ताव
- क्रैशवर्दी (दुर्घटनाओं में टक्कर के प्रभाव को आत्मसात करने में समर्थ) सवारी डिब्बे और रेल इंजन का विकास
- 20 जोड़ी लंबी दूरी की गाड़ियों में स्वचल अग्नि एवं धुआं संसूचन प्रणाली की उपलब्धता का प्रस्ताव
- महिला यात्रियों की सुरक्षा में सुधार के लिए महिला वाहिनी के नाम से महिला रेल सुरक्षा बल की 12 कंपनियों के गठन का प्रस्ताव. नियुक्तियों में अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति/जनजाति/अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों से संबंधित महिलाओं को प्राथमिकता
- रेल सुरक्षा बल को मजबूत बनाने के लिए भूतपूर्व सैनिकों को शामिल करने का प्रस्ताव
- 1000 रेलवे क्रॉसिंग पर जहाँ चौकीदार मौजूद नहीं हैं, उनकी नियुक्ति का प्रस्ताव
- उपरी पैदल पुल के अलावा अंडरपास, सबवे आदि के निर्माण का प्रस्ताव
- अस्थिर और कमजोर मृदा संरचना वाले रेलपथ में जूट जियो-टेक्सटाईल्स के संभावित उपयोग का प्रस्ताव
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