केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के स्वायत्तशासी संस्थान गोविंद बल्लभ पंत हिमालय पर्यावरण एवं विकास संस्थान के उत्तर-पूर्व शाखा के भूतपूर्व प्रकृतिविज्ञानी लाकपा तमांग ने लैबियोनाइन मछली की नई प्रजाति की खोज की है. इस प्रजाति को स्थानीय भाषा में न्गॉप (Ngop) के नाम से जाना जाता है. इस बात की जानकारी संस्थान के वर्तमान निदेशक प्रसन्ना के समल की ओर से 26 अगस्त 2013 को दी गयी.
लैबियोनाइन मछली की नयी खोजी गयी प्रजाति न्गॉप का वंश गारा है और इसे अरुणाचल प्रदेश के उपरी सियांग जिले में बहने वाली सियांग नदी की सहायक नदी में पाया गया.
न्गॉप की खोज के बारे में सर्वप्रथम जर्मनी के अंतरराष्ट्रीय जर्नल इच्थियोलॉजिकल एक्सप्लोरेशन ऑफ फ्रेशवाटर्स (Ichthyological Exploration of Freshwaters) में हाल ही में प्रकाशित किया गया था.
नई प्रजाति की खोज करने वाले प्रकृति विज्ञानी लाकपा तमांग ने इसे गारा मैग्नीडिस्कस से संबंधित बताया. लैटिन भाषा में मैग्नस का अर्थ है विशाल और डिस्कस का अर्थ है डिस्क या तश्तरी. इसे गारा मैग्नीडिस्कस से संबंधित इसलिए बताया गया क्योंकि इस प्रजाति की मछलियों में एक बड़ी डिस्क के समान संरचना पायी जाती है.
यही डिस्क के समान संरचना न्गॉप के मुह के पिछले हिस्से में भी पायी जाती है जो कि इसे पानी की तेज धारा में भी अपने-आपको स्थिर रखने में मदद करती है.
गारा वंश में कुल 80 प्रजातियां पायी जाती हैं और इनमें ज्यादातर चीन, मध्य-पूर्व तथा अरब के पूर्वी हिस्से और पश्चिमी अफ्रीकी क्षेत्रों में पायी जाती हैं. अरुणाचल प्रदेश में गारा वंश की यह दसवीं प्रजाती है.
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