भारत और चीन ने द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश बढ़ाने पर जोर देते हुए दोनों देशों के बीच विभिन्न व्यापारिक मुद्दों को सुलझाने के बारे में सुझाव देने हेतु एक संयुक्त कार्यसमूह गठित करने का निर्णय किया. भारत और चीन के बीच व्यापार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर गठित संयुक्त आर्थिक समूह की नई दिल्ली में आयोजित नौवीं बैठक के दौरान दोनों देशों ने 27 अगस्त 2012 को यह निर्णय लिया. भारत और चीन द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग बढ़ाने के लिए पंचवर्षीय कार्ययोजना पर काम करने पर सहमति जताई. भारत की ओर से केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री आनंद शर्मा और चीन के वाणिज्य मंत्री चेन डेमिंग ने बैठक में अपने अपने देशों के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया.
चीन ने इस अवसर पर वर्ष 2015 तक भारत के साथ 100 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार लक्ष्य को हासिल करने की उम्मीद जताई. चीन ने भारत के साथ आने वाले दिनों में सूचना प्रौद्योगिकी, औषधि और कृषि क्षेत्र में आयात बढ़ाने के संकेत व्यक्त किए.
वर्ष 2011-2012 में भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 75457.42 अरब डॉलर का रहा. जबकि वर्ष 2010-2011 में इन दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 59000.36 अरब डॉलर का रहा था.
विदित हो कि व्यापार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर गठित संयुक्त आर्थिक समूह का गठन वर्ष 1988 में किया गया. जब भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने बीजिंग का दौरा किया था.
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