सर्वोच्च न्यायालय ने मार्च 2011 से प्लास्टिक पाउच में गुटखा और पान मसाला बेचने पर प्रतिबंध लगा दिया. सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यामूर्ति जीएस सिंधवी और न्यायमूर्ति अशोक कुमार गांगुली की पीठ ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया कि वह प्लास्टिक पाउच में गुटखा और पान मसाला की बिक्री से पर्यावरण और जनस्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों का आठ सप्ताह के भीतर अध्ययन करे, तथा प्लास्टिक प्रबंधन और निपटान अधिनियम, 2009 को सख्ती से लागू करे. पीठ ने पान मसाला उत्पादकों को पैकेजिंग की वैकल्पिक व्यवस्था करने का निर्देश दिया. पीठ द्वारा यह निर्णय 7 दिसंबर 2010 को दिया गया.
विदित हो कि गुटखा उत्पादकों ने राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी. एनजीओ अस्थमा केयर सोसायटी ने राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर प्लास्टिक पाउच पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी. राजस्थान उच्च न्यायालय ने अस्थमा केयर सोसायटी के पक्ष में फैसला दिया था.
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