सितंबर 2013 में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति बढ़कर 6.46 प्रतिशत हो गई. इसका कारण प्याज तथा अन्य सब्जियों सहित खाद्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि रही. पिछले सात माह में यह मुद्रास्फीति का सबसे ऊंचा स्तर है. यह आंकड़े नई दिल्ली में 14 अक्टूबर 2013 को जारी किए गए.
थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रांस्फीति की दर अगस्त 2013 में 6.1 प्रतिशत रही, जबकि जुलाई 2013 यह दर 5.85 प्रतिशत (5.79 प्रतिशत से संशोधित) थी. मुद्रास्फीति लगातार चौथे माह बढ़ी है.
सितंबर 2012 में यह 8.07 प्रतिशत के उच्च स्तर पर थी. सबसे अधिक वृद्धि प्याज की कीमतों में हुई, जो सितंबर 2013 में प्याज की कीमत वर्ष 2012 के इसी माह की तुलना में 322.94 प्रतिशत ऊंची रही. इसी तरह सब्जियां का भाव भी वर्ष 2012 की तुलना में 89.37 ऊंचा रहा. सितंबर में फल सालाना आधार पर 13.54 प्रतिशत महंगे रहे.
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार सितंबर 2012 की तुलना में वर्ष 2013 के इसी अवधि में खाद्य मुद्रास्फीति 18.40 प्रतिशत रही. अगस्त 2013 में यह 18.18 प्रतिशत पर थी.
जारी आंकड़ों के अनुसार अगस्त 2013 की तुलना में सितंबर 2013 में अंडा, मांस, मछली, पेय पदार्थ, तंबाकू, मोटे अनाज, चावल व गेहूं के दाम घटे. वार्षिक आधार पर सितंबर 2013 में विनिर्मित उत्पादों की मुद्रास्फीति 2.03 प्रतिशत रही. वार्षिक आधार पर एलपीजी और पेट्रोल की कीमतें क्रमश: 9 तथा 9.64 प्रतिशत ऊंची रहीं.
विश्लेषण: इससे आम लोगों की कठिनाइयां बढ़ी हैं. मुद्रास्फीति बढ़ने से भारतीय रिजर्व बैंक के लिए नीतिगत दरों में कटौती करना मुश्किल होगा.
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