सीरिया एवं क्षेत्रीय सहायता सम्मेलन-2016 का 4 फरवरी 2016 को लंदन में आयोजन किया गया. इसका उद्देश्य सीरिया में पिछले पांच वर्ष से चल रहे गृह युद्ध को शांत करने के उपायों एवं क्षेत्र में बनी अस्थिरता को समाप्त करना था.
इसमें जर्मनी, कुवैत, नॉर्वे, इंग्लैंड एवं संयुक्त राज्य अमेरिका सहित 60 देशों ने भाग लिया.
इसके अतिरिक्त सीरिया प्रतिक्रिया योजना और क्षेत्रीय शरणार्थी योजना 2016-17 के लिए 10.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर की राशि दिए जाने की घोषणा की गयी जिसे 2016 से 2020 के बीच इन क्षेत्रों में खर्च किया जायेगा.
सीरिया एवं क्षेत्रीय सहायता सम्मेलन-2016
• इसमें 60 देशों के अतिरिक्त विभिन्न अन्तरराष्ट्रीय संगठन, व्यापारिक घरानों, सिविल सोसाइटी, सीरिया के प्रतिनिधि आदि ने भाग लिया.
• सभी सदस्यों ने इस बैठक में लिए गए निर्णयों पर सहमति व्यक्त की तथा बर्लिन 2014 सम्मेलन एवं कुवैत सम्मेलन में लिए गए निर्णयों के प्रति भी प्रतिबद्धता जताई.
• दानकर्ताओं ने 10 बिलियन डॉलर की फंडिंग के लिए भी प्रतिबद्धता जताई – 5.6 बिलियन 2016 के लिए तथा 5.1 बिलियन 2017-20 के लिए दिए जायेंगे. इस धनराशि को क्षेत्र में महिलाओं, बच्चों, लडकियों के पुनर्वास एवं क्षेत्र के आधारभूत संरचना विकास के लिए खर्च किया जायेगा.
• इसके अतिरिक्त विकास बैंकों ने 40 बिलियन अमेरिकी डॉलर का ऋण देने की भी घोषणा की.
• इस सहायता राशि से क्षेत्र के शरणार्थियों की शिक्षा पर भी 2016-17 में खर्च किया जायेगा. इससे क्षेत्र में रह रहे 2 मिलियन बच्चों को शिक्षा सुविधा दी जा सकेगी जो गृह युद्ध के कारण शिक्षा से वंचित हो गये हैं.
सीरिया एवं क्षेत्र की स्थिति
• वर्ष 2011 से क्षेत्र में मानवता पर संकट के बादल छाये हुए हैं.
• इस कारण अब तक 25,00,000 लोग मारे जा चुके हैं तथा 10 लाख से अधिक घायल हुए हैं. आधे से अधिक सीरिया निवासी अपना घर छोड़ चुके हैं.
• एक अनुमान के अनुसार प्रत्येक घंटे में 50 सीरिया परिवार देश छोड़ने को मजबूर होते हैं. वर्ष 2015 में 1.4 मिलियन लोग विस्थापित हुए.
• यह लोग अपना घर छोड़ कर नजदीकी देशों – तुर्की, लेबनान एवं जॉर्डन का रुख कर रहे हैं.
• सीरिया में इस समय 13.5 मिलियन लोग, जिसमें 6 मिलियन बच्चे शामिल हैं, संकटग्रस्त जीवन व्यतीत कर रहे हैं.
• इनमे 8.7 मिलियन लोग रोजमर्रा की आवश्यकताओं को भी पूरा नहीं कर पाते जबकि 70 प्रतिशत लोगों के पास साफ पीने का पानी भी नहीं है.
• युद्ध के कारण वर्ष 2015 में 4,40,000 सीरियन नागरिक भूमध्य सागर को बिना सुरक्षा उपायों के पार करके दूसरे देशों में जाने का प्रयास कर चुके हैं जिसमें हज़ारों लोग मारे गये थे.
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