प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने 3 फरवरी 2016 को जयपुर की राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंट्स लिमिटेड (आरईआईएल को इसकी मूल कंपनी इंट्र्मेंटेशन लिमिटेड (आईएल) से अलग करने और भारी उद्योग विभाग के तहत सार्वजनिक क्षेत्र का एक स्वतंत्र उद्यम (सीपीएसई) बनाने की मंजूरी दे दी.
केंद्र सरकार आईएल की 51 फीसदी हिस्सेदारी खरीदेगी. 31 मार्च 2015 को यह 77.09 रुपये प्रति शेयर के अंकित मूल्य पर 10 रुपये के अंकित मूल्य पर 6247500 शेयर के करीब होगा.
निष्पक्ष मूल्यांकन 48.16 करोड़ रुपए तक आता है. इससे आरईआईएल को अपनी क्षमता के अनुरूप विकास करने में मदद मिलेगी. इससे आरईआईएल को उपलब्ध व्यापार अवसरों का लाभ उठाने और अपने विस्तार के लिए पूंजी बाजारों तक पहुंच बनाने में अधिक स्वतंत्रता मिलेगी.
राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंस्ट्रूमेंट्स लिमिटेड (आरईआईएल) के बारे में-
• 40 लाख रुपयों की प्राधिकृत और प्रदत्त पूंजी के साथ इसकी स्थापना 1981 में हुई थी.
• राजस्थान के इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में इसका प्रमुख स्थान है.
• यह आईएल और राजस्थान स्टेट इंडस्ट्रीयल डेवलपमेंट एंड इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन, जयपुर (आरआईआईसीओ) की संयुक्त उद्यम कंपनी है.
• साल 1997 में केंद्रीय उद्योग मंत्रालय के तहत सार्वजनिक उद्यम विभाग द्वारा इसे मिनी रत्न का दर्जा दिया गया था.
• इसके व्यापार क्षेत्र में कृषि– दुग्ध क्षेत्र, सौर फोटोवॉल्टिक क्षेत्र, औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र, सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों और सेवाओं के विनिर्माण और विपणन शामिल है.

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