केंद्रीय रक्षा मंत्रालय द्वारा सुकना भूमि घोटाले में लेफ्टीनेंट जनरल रमेश हलगाली को निर्दोष माना गया. इसके साथ ही उन्हें आर्मी स्टाफ का उप प्रमुख भी नियुक्त किया गया. लेफ्टीनेंट जनरल रमेश हलगाली के आर्मी स्टाफ के उप प्रमुख की नियुक्ति को कैबिनेट की नियुक्ति मामलों की समिति ने 13 फरवरी 2012 को मंजूरी दी.
ज्ञातव्य हो कि तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल दीपक कपूर ने लेफ्टीनेंट जनरल रमेश हलगाली की वार्षिक गोपनीय रिकार्ड में सुखना भूमि घोटाले के कारण निंदा शब्द का प्रयोग किया था. केंद्रीय रक्षा मंत्रालय और भारतीय सेना ने लेफ्टीनेंट जनरल रमेश हलगाली की वार्षिक गोपनीय रिकार्ड से निंदा शब्द को हटाने पर सहमति जताई.
केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के अनुसार लेफ्टीनेंट जनरल हलगाली अभी तक सैन्य प्रशिक्षण महानिदेशक के तौर पर काम कर रहे थे. 31 अक्तूबर 2011 को लेफ्टीनेंट जनरल वी एस टोंक के सेवानिवृत्त होने के बाद करीब तीन माह तक आर्मी स्टाफ का उप प्रमुख का पद रिक्त रहा था. 26 जनवरी 2012 को लेफ्टीनेंट जनरल रमेश हलगाली को अति विशिष्ट सेवा मेडल प्रदान करने की घोषणा की गई थी.
सुकना भूमि घोटाला: लेफ्टीनेंट जनरल रमेश हलगाली 2009 में भूमि घोटाला सामने आने के समय लेफ्टीनेंट जनरल पीके रथ के आधीन 33 कार्प्स के चीफ आफ स्टाफ थे. पूर्वी सेना कमान ने इस मामले में कोर्ट आफ इंक्वायरी के आदेश दिए थे. कोर्ट आफ इंक्वायरी ने 2009 में पूर्व सैन्य सचिव लेफ्टीनेंट जनरल अवधेश प्रकार और 33 कार्प्स के पूर्व कमांडर लेफ्टीनेंट जनरल रथ को दोषी ठहराया था. सुकना सैन्य केन्द्र के समीप 70 एकड़ भूखंड पर एक शिक्षण संस्थान बनाने के लिए एक निजी बिल्डर को अनापत्ति प्रमाणपत्र साबित करने के मामले में उन्हें दोषी ठहराया गया था.
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