भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व डिप्टी गवर्नर सुबीर गोकर्ण को 12 नवम्बर 2015 को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) में कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया.
उनकी नियुक्ति डॉ. राकेश मोहन के स्थान पर की गई है, जिनका तीन वर्षो का कार्यकाल नवम्बर में समाप्त हो गया.
गोकर्ण के नाम को कैबिनेट की नियुक्ति समिति द्वारा मंजूरी दी गई, जिसकी अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की.
2.8 फीसदी निर्णायक मत के साथ गोकर्ण भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका व भूटान का प्रतिनिधित्व करेंगे. इसमें भारत के 2.3 फीसदी मत शामिल हैं. वाशिंगटन के आईएमएफ कार्यकारी निदेशालय में गोकर्ण भारत के अतिरिक्त बांग्लादेश, श्रीलंका व भूटान का प्रतिनिधित्व करेंगे, जो बहुपक्षीय संस्थान में हर दिन होनेवाले काम के लिए उत्तरदायी है.
आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड में 24 निदेशक हैं जिन्हें सदस्य देशों द्वारा चुना जाता है. बोर्ड की प्रत्येक सप्ताह बैठक होती है तथा इसका कार्य आईएमएफ द्वारा तैयार निर्देशों के आधार पर होता है.
गोकर्ण भारतीय रिज़र्व बैंक के डिप्टी गवर्नर रह चुके हैं, उनके कार्यकाल के दौरान अन्य तीन डिप्टी गवर्नर थे, आनंद सिन्हा, के सी चक्रबर्ती एवं एच आर खान. इससे पहले वे वर्ष 2007-2009 तक रेटिंग एजेंसी स्टैण्डर्ड एंड पुअर-एशिया पसिफ़िक के मुख्य अर्थशास्त्री थे.
गोकर्ण ने सेंट ज़ेवियर कॉलेज, मुंबई से स्नातक डिग्री प्राप्त की. उन्होंने डेल्ही स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से इकोनॉमिक्स में स्नातकोतर डिग्री हासिल की थी. उन्होंने केस वेस्टर्न रिज़र्व यूनिवर्सिटी ऑफ़ क्लेवलैंड, ओहियो से पीएचडी डिग्री हासिल की.
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