बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति तथा विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 34 कंपनियों के पूंजी बाजार में कारोबार करने पर रोक लगा दी. यह रोक 12 कंपनियों के शेयरों में धोखाधड़ीपूर्ण सौदों हेतु लगाई गई. इनमें अल्कार्गो ग्लोबल लॉजिस्टिक्स, लोटस आई केयर हास्पिटल्स और केबीएस कैपीटल शामिल हैं. सेबी ने यह वक्तव्य मुंबई में सितम्बर 2013 के पहले सप्ताह में जारी किया.
इसके साथ ही मुख्य साजिशकर्ता सुनील मेहता के बाजार में प्रवेश पर 7 वर्षो के लिए प्रतिबंध लगाया गया. इसी तरह 13 इकाइयों को पांच वर्ष के लिए तथा 20 इकाइयों को तीन वर्ष के लिए प्रतिभूति बाजार से प्रतिबंधित कर दिया गया.
विदित हो कि जांच में शेयरों के मूल्यों में भारी बदलाव देखने को मिला था. इसके साथ ही इस मामले में अनिल शाह तथा अल्पेश शाह के खिलाफ आरोप सिद्ध नहीं हुए.
भारतीय प्रतिभूति तथा विनिमय बोर्ड (सेबी)
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड, इंडिया एक्ट-1992 के प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रावधानों के अनुसार 12 अप्रैल 1992 को स्थापित किया गया था. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रस्तावना के रूप में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के बुनियादी कार्य निम्नलिखित हैं:-
• प्रतिभूतियों में निवेशकों के हितों की रक्षा करना
• प्रतिभूतियों में निवेशकों के विकास को बढ़ावा देना
• प्रतिभूति बाजार को विनियमित करने हेतु
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