सर्वोच्च न्यायालय ने ब्रिटेन के वेदांता ग्रुप की कम्पनी स्टरलाइट इंडस्ट्रीज को आदेश दिया है कि वह तमिलनाडु में तांबा पिघलाने के संयंत्र के द्वारा पर्यावरण को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सौ करोड़ रूपए का मुआवजा अदा करे. लेकिन न्यायालय ने इस संयंत्र को बंद करने का निर्देश देने से इंकार किया.
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एके पटनायक की अध्यक्षता वाली पीठ ने यह निर्णय दिया. सर्वोच्च न्यायालय के अनुसार बहुराष्ट्रीय कम्पनी के संयंत्र से लम्बे समय से हो रहे उत्सर्जन से पर्यावरण को नुकसान पहुंचा है और उसके लिए कम्पनी को हर्जाना भरना पड़ेगा.
स्टरलाइट इंडस्ट्रीज
यह भारत में निजी क्षेत्र की एक बड़ी गैर लौह धातुओं का खनन करने वाली कंपनी है. यह भारत में बीएसई और एनएसई में सूचीबद्ध है तथा न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध पहली भारतीय धातु और खनन कंपनी है. यह एल्यूमिनियम, तांबा, जिंक और सीसा और वाणिज्यिक ऊर्जा के क्षेत्र में कारोबार करती है.
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