हिंदी के कवि रामनाथ सिंह उर्फ अदम गोंडवी का लखनऊ में 18 दिसंबर 2011 को निधन हो गया. अदम गोंडवी लिवर सिरोसिस से पीड़ित थे. उपचार हेतु उन्हें लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में भर्ती करवाया गया था, जहां उनका निधन हो गया.
रामनाथ सिंह उर्फ अदम गोंडवी की कविताओं/गजलों में समाज के दबे कुचले एवं कमजोर वर्ग के लोगों की आवाज सुनाई देती है. धरती की सतह पर और समय से मुठभेड़ उनके गजल संग्रह हैं. 1998 में उन्हें मध्य प्रदेश सरकार ने दुष्यंत कुमार पुरस्कार से नवाजा था.
अदम गोंडवी की गजलों में मतलबपरस्त राजनीति का पर्दाफाश है. साथ ही साधनहीन लोगों के लिए गहरी संवेदना है. उन्होंने वोटों की राजनीति, सांप्रदायिकता और घोटालों पर हमेशा कड़ा प्रहार किया. उनकी गजलों में आम आदमी के मन की बात रोशन होती है.
रामनाथ सिंह उर्फ अदम गोंडवी का जन्म किसान परिवार में 22 अक्टूबर 1947 को हुआ था. उनका अंतिम संस्कार 19 दिसंबर 2011 को उनके पैतृक गांव परसपुर (गोंडा) विकास खंड के आटा में किया गया.
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