उत्तर प्रदेश विविध संस्कृति और अनूठी परंपराओं वाला राज्य है। सालों से सांस्कृतिक विरासत को समेटे यह राज्य अपने समृद्ध इतिहास और यहां की अनूठी परंपराओं के लिए विश्व विख्यात है। भारत का यह राज्य चौथा सबसे बड़ा राज्य है, जो कि 240,928 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
इसके साथ ही यह सबसे अधिक जिले वाला राज्य होने के साथ-साथ सबसे अधिक आबादी वाला राज्य भी है। राज्य के कई जिले हरियाली से परिपूर्ण है, जबकि कुछ जिलों में हरियाली का अभाव है। इस कड़ी में क्या आप उत्तर प्रदेश के ऐसे जिले को जानते हैं, जो न्यूनतम वन क्षेत्र वाला जिला है। यदि नहीं जानते हैं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे।
उत्तर प्रदेश में कुल जिले
उत्तर प्रदेश में कुल जिलों की बात करें, तो यहां कुल 75 जिले हैं, जो कि 18 मंडलों में आते हैं। साथ ही यहां 17 नगर निगम, 822 सामुदायिक विकास खंड और 351 तहसील हैं। प्रदेश का सबसे पूर्वा जिला बलिया, सबसे पश्चिमी जिला शामली, सबसे उत्तरी जिला सहारनपुर और सबसे दक्षिणी जिला सोनभद्र है। राज्य का सबसे बड़ा जिला लखीमपुर खीरी है, जो कि 7680 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। वहीं, सबसे छोटा जिला हापुड़ है, जो कि 660 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है।
उत्तर प्रदेश का कुल वन क्षेत्र
सबसे पहले हम यह जान लेते हैं कि उत्तर प्रदेश का कुल वन एरिया कितना है, तो आपको बता दें कि प्रदेश का कुल वन क्षेत्र 22,121 वर्ग किलोमीटर है। यह पूरे प्रदेश का 9.18 फीसदी है। वहीं, उत्तर प्रदेश के वन विभाग की स्थापना 1855 में की गई थी।
सबसे कम न्यूनतम वन क्षेत्र वाला जिला
अब हम यह जान लेते हैं कि उत्तर प्रदेश का न्यूनतम वन क्षेत्र वाला जिला कौन-सा है ? आपको बता दें कि यह जिला संत रविदास नगर यानि कि भदोही जिला है।
कितना है न्यूनतम वन क्षेत्र
अब सवाल है कि प्रदेश के भदोही जिले का कितना वन क्षेत्र है ? आपको बता दें कि प्रदेश में इस जिले में कुल 3.12 वर्ग किलोमीटर में वन क्षेत्र है। आपको यह भी बता दें कि यह जिला अपने यहां के कालीन उद्योग के लिए जाना जाता है। यहां बनाई जाने वाली कालीन की देशभर के अलग-अलग राज्यों में मांग रहती है।
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