उत्तराखंड का सबसे छोटा नाम वाला जिला कौन-सा है, यहां जानें

उत्तराखंड राज्य भारत के उत्तर में स्थित प्रमुख राज्यों में से एक है। भारत का यहा राज्य अपनी विविध संस्कृति और अनूठी परंपराओं के लिए जाना जाता है। आपने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि उत्तराखंड का सबसे छोटा नाम वाला जिला कौन-सा है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे। 

Kishan Kumar
Jul 23, 2025, 18:21 IST
उत्तराखंड का सबसे छोटा नाम वाला जिला
उत्तराखंड का सबसे छोटा नाम वाला जिला

भारत के उत्तर में जब भी प्रमुख राज्यों की बात होती है, तो इसमें उत्तराखंड राज्य का नाम भी प्रमुखता से लिया जाता है। भारत का यह राज्य अपनी विविध संस्कृति और अनूठी परंपराओं के लिए देश-दुनिया में जाना जाता है। भारत के चारों धाम भी उत्तराखंड राज्य में स्थित है। इसके अतिरिक्त, यहां कई छोटे-बड़े धार्मिक स्थल मौजूद है, जिस वजह से इस राज्य को देवभूमि के रूप में भी जाना जाता है।

आपने प्रदेश के अलग-अलग जिलों के बारे में पढ़ा और सुना होगा। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि उत्तराखंड का सबसे छोटा नाम वाला जिला कौन-सा है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे। 

उत्तराखंड का परिचय

उत्तराखंड राज्य का गठन नवंबर, 2000 में उत्तर प्रदेश से अलग कर 27वें राज्य के रूप में किया गया था। राज्य का कुल भौगोलिक क्षेत्रफल 53,483 वर्ग किलोमीटर है। इसका अधिकांश क्षेत्र पहाड़ी है, जिसमें बड़े भाग बर्फ से ढके हुए और ढालदार हैं।

उत्तराखंड में कुल कितने जिले हैं

उत्तराखंड राज्य प्रमुख रूप से दो भागों में विभाजित है, जिसमें गढ़वाल और कुमाऊं शामिल है। इन दोनों भागों में 13 जिले, 78 तहसील व 95 सामुदायिक विकास खंड हैं। साल 2011 में यहां की कुल जनसंख्या सिर्फ 1.01 करोड़ दर्ज की गई थी। वहीं, 1951 में यह आंकड़ा करीब 25 लाख था।

उत्तराखंड का सबसे छोटा नाम वाला जिला 

अब सवाल है कि उत्तराखंड का सबसे छोटा नाम वाला जिला कौन-सा है, तो आपको बता दें कि यह पौढ़ी जिला है। कुछ किताबों में इसे पौढ़ी गढ़वाल लिखा जाता है। लेकिन, वास्तविक रूप से इसका नाम सिर्फ पौढ़ी है। यह जिला अंग्रेजी में सिर्फ 5 अक्षरों(PAURI) से मिलकर बना है। 

क्या है जिले का इतिहास 

अब हम पौढ़ी जिले के इतिहास के बारे में जान लेते हैं। शुरुआती तौर पर यहां कत्यूरी राजवंश का शासन हुआ करता था। बाद में 15वीं शताब्दी के अंत में राजा अजयपाल ने बिखरी हुई रिसायसतों को एक कर शासन किया। अजयपाल के वंशजों ने यहां करीब 300 सालों तक शासन किया। इस दौरान मुगल, सिख और रोहिल्ला का आक्रमण जारी रहा।

कुछ समय बाद यहां गोरखा ने शासन किया, लेकिन 12 साल बाद ही उन्हें ब्रिटिश ने हरा दिया, जिसके बाद यहां ब्रिटिश का नियंत्रण हो गया। ब्रिटिश द्वारा नैनीताल से इसका नियंत्रण किया जाता था। हालांकि, 1840 में गढ़वाल एक जिला बना, जिसका मुख्यालय पौढ़ी बनाया गया। उत्तर प्रदेश से अलग राज्य बनने के बाद इस जिले को नई पहचान मिली।

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Kishan Kumar

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