भारत में कैसे तैयार होती है Voter List, यहां जानें पूरी प्रक्रिया

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट विवादों में आ गई है। इसे लेकर राजनीतिक गलियारे में सियासत गर्मा गई है, जिसकी गूंज संसद तक पहुंची है। विपक्षी पार्टियों द्वारा वोटर लिस्ट पर सवाल उठाए गए हैं। इस कड़ी में क्या आप जानते हैं कि भारत में आखिर किस प्रकार वोटर लिस्ट तैयार की जाती है, यदि नहीं, तो इस लेख के माध्यम से हम इस बारे में जानेंगे। 

Kishan Kumar
Jul 23, 2025, 14:03 IST
कैसे बनती है वोटर लिस्ट
कैसे बनती है वोटर लिस्ट

बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इसे लेकर राजनीतिक गलियारे में चहल-पहल तेज है। चुनाव से पहले बिहार की वोटर लिस्ट चर्चा का विषय बन गई है, जिसकी गूंज संसद तक पहुंच गई है। विपक्षी दलों द्वारा बिहार की वोटर लिस्ट पर सवाल उठाए जा रहे हैं। इसे लेकर विपक्षी पार्टियों द्वारा धरना-प्रदर्शन भी किया गया है। इस कड़ी में क्या आप जानते हैं कि आखिर भारत में किस प्रकार वोटर लिस्ट तैयार की जाती है। क्या है इसकी पूरी प्रक्रिया, जानने के लिए यह लेख पढ़ें। 

क्या होती है Voter List

वोटर लिस्ट को निर्वाचक नामावली(Electoral Roll) के नाम से भी जाना जाता है। इसे चुनाव आयोग द्वारा तैयार व अपडेट किया जाता है। आयोग द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि लिस्ट में पात्र व्यक्ति ही शामिल हो, कोई भी अयोग्य व्यक्ति वोटर लिस्ट में शामिल न हो पाए। 

कैसे तैयार होती है वोटर लिस्ट

देखी जाती है उम्र सीमा

चुनाव आयोग द्वारा वोटर लिस्ट तैयार करते समय पात्र व्यक्ति की कम से कम 18 वर्ष उम्र देखी जाती है। इसके तहत आयोग द्वारा हर साल 1 जनवरी को अर्हता तिथि घोषित की जाती है।

घर-घर होता है सत्यापन

चुनाव आयोग द्वारा बूथ लेवल अधिकारी को घर-घर भेजकर पात्र व्यक्तियों का सत्यापन किया जाता है। इस दौरान नए पात्र व्यक्तियों की पहचान करने के साथ-साथ ऐसे नामों को भी चिन्हित किया जाता है, जिनकी मृत्यु हो गई है या फिर उन्होंने अपना पता बदल लिया है। इस दौरान अधिकारी परिवार को निर्वाचक गणना कार्ड की कॉपी भी देते हैं।

तैयार किया जाता है प्रारूप

एक बार घर-घर सर्वे होने के बाद डाटा के माध्यम से निर्वाचक पंजीकरण अधिकारी एक निर्वाचक नामावली का प्रारूप तैयार करते हैं। इसे सरकारी कार्यालयों से लेकर पोर्टल पर ऑनलाइन अपलोड किया जाता है, जिससे सार्वजनिक रूप से इसका निरीक्षण हो सके। राजनीतिक दलों के पास भी यह लिस्ट रहती है।

दर्ज होते हैं दावे और आपत्तियां

ऐसे लोग, जो लिस्ट में शामिल होने से चूक गए होते हैं, वे फॉर्म 6 भरकर अपना दावा प्रस्तुत करते हैं। वहीं, यदि किसी व्यक्ति को लगता है कि लिस्ट में किसी अयोग्य व्यक्ति या किसी मृत व्यक्ति का नाम शामिल है, तो वे फॉर्म 7 भरकर दावा प्रस्तुत करेंगे। यदि किसी व्यक्ति को अपना नाम, पता या आयु में सुधार कराना होता है, तो उसे फॉर्म 8 भरना होता है, जबकि एक ही निर्वाचन क्षेत्र में स्थानांतरण के लिए फॉर्म-8ए भरना होता है।

तैयार होती है अंतिम लिस्ट

सभी दावों और आपत्तियों का एक महीने में निपटान करना होता है, जिसके बाद अंतिम सूची तैयार की जाती है। इस लिस्ट का इस्तेमाल चुनावों में किया जाता है। आपको बता दें कि वोटर लिस्ट अपडेट होने की प्रक्रिया पूरे वर्ष जारी रहती है।

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Kishan Kumar
Kishan Kumar

Senior content writer

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