नवीकरणीय वह ऊर्जा है जो नवीकरणीय (अर्थात स्वाभाविक रूप से पूनःपूर्ति में सक्षम) प्राकृतिक संसाधनों, जैसे-सूर्य ताप , वायु , वर्षा , ज्वार और भूतापीय गर्मी से उत्पन्न होती है । नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियों को सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, पनबिजली / लघु पनबिजली, बायोमास और जैव ईंधन के रूप में परिभाषित किया जाता है ।
ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों के उदाहरण
आपने देखा होगा कि जल, वायु, सूर्य और जैव ईंधन (वनस्पति ) सभी स्वाभाविक रूप से उपलब्ध हैं तथा इन्हें कृत्रिम रूप से बनाया नहीं जा सकता जबकि अन्य ऊर्जा संसाधन स्वाभाविक रूप से मौजूद नहीं है,उनका गठन किया गया है । नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन हमेशा उपयोग किये जा सकने के लिए उपलब्ध हैं, और कभी खत्म नहीं होंगे | यही कारण है कुछ लोग इसे हरित ऊर्जा कहते हैं ।
नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन और ऊर्जा दक्षता के लिए महत्वपूर्ण अवसर अन्य ऊर्जा के स्रोतों की तुलना में ,जोकि सीमित देशों में केन्द्रित है,व्यापक भौगोलिक क्षेत्रों में मौजूद है । नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा दक्षता के निरंतर विकास और ऊर्जा स्रोतों के तकनीकी विविधीकरण की त्वरित तैनाती का नतीजा ऊर्जा सुरक्षा और आर्थिक लाभ होगा। यह पर्यावरण प्रदूषण को भी कम करेगा (क्योंकि जीवाश्म ईंधन के जलने से वायु प्रदूषण होता है) और सार्वजनिक स्वास्थ्य में भी सुधार होगा, प्रदूषण के कारण समय से पहले मौत को कम करने में मदद मिलेगी| केवल संयुक्त राज्य अमेरिका में स्वास्थ्य से जुड़ी हुई सालाना 100 अरब डॉलर की लागत को बचाया जा सकता है | नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत,जो अपनी ऊर्जा सीधे या परोक्ष रूप से सूर्य से प्राप्त करते हैं जैसे कि जल तथा वायु,से लगभग 1 अरब साल तक मानव ऊर्जा की आपूर्ति करने की उम्मीद कर रहे हैं |
21 वीं सदी के लिए अक्षय ऊर्जा नीति नेटवर्क अर्थात REN21 की 2014 की रिपोर्ट के आधार पर, नवीकरणीय ऊर्जा हमारे वैश्विक ऊर्जा की खपत में 19 प्रतिशत का योगदान देती है और क्रमश: 2012 और 2013 में हमारी बिजली उत्पादन के लिए 22 प्रतिशत का योगदान दिया। यह ऊर्जा की खपत 9% पारंपरिक जैव ईंधन के रूप में, 4.2% ऊष्मा ऊर्जा ( गैर जैव ईंधन ), 3.8% पन बिजली और 2% बिजली के रूप में विभाजित होती है जो वायु, सौर, भूतापीय और जैव ईंधन से आता है | नवीकरणीय प्रौद्योगिकियों में 2013 में दुनिया भर के US $ 214 खराब से भी अधिक है जिसमें चीन और अमरिका जैसे देश वायु, पनबिजली, सौर और जैव ईंधन में भारी निवेश कर रहे हैं |
वैश्विक नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता
नवीकरणीय ऊर्जा के मामले में भारत की स्थिति:
भारत में नवीकरणीय ऊर्जा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के दायरे में आता है। भारत विश्व का पहला देश है जिसने 1980 के दशक में, गैर पारंपरिक ऊर्जा संसाधन का एक मंत्रालय स्थापित किया | भारत की संचयी ग्रिड इंटरेक्टिव या ग्रिड लस्त नवीकरणीय 33.8 GW तक पहुँच गई है, जिसमें से 66%वायु से आता है जबकि सौर PV जैव ईंधन और नवीकरणीय ऊर्जा के लघु पनबिजली के साथ लगभग 4.59% का योगदान देती है जोकि भारत में स्थापित है |
नवीकरणीय ऊर्जा का भविष्य:
नवीकरणीय ऊर्जा प्रौद्योगिकियाँ प्रौद्योगिकीय परिवर्तन, बड़े पैमाने पर उत्पादन और बाजार में प्रतिस्पर्धा के कारन सस्ती हो रही हैं। जैसा कि हम जानते हैं कि दुनिया के हर देश में दैनिक आधार पर ऊर्जा की आवश्यकता बढ़ती जा रही है और ऊर्जा के गैर नवीकरणीय स्रोतों के अति प्रयोग के कारण ग्लोबल वार्मिंग की समस्या हो रही है |
अतः आने वाले वर्षों में विश्व में उन देशों द्वारा राज किया जाएगा जोकि ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों की प्राप्ति में दक्षता हासिल कर लेंगे |
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