स्पेस टूरिज्म से पर्यावरण को खतरा
आने वाले वक्त में बढ़ेगा स्पेस टूरिज्म:
आजकल अंतरिक्ष के क्षेत्र में स्पेस टूरिज्म की काफी ज्यादा चर्चा है। इसके लिए बड़े जोर-शोर से तैयारियां की जा रही हैं। लेकिन मौसम विज्ञानियों के अनुसार स्पेस टूरिज्म आने वाले समय में पृथ्वी पर मौसम के लिए घातक सिद्ध हो सकता है। नए कम्प्यूटर सिमुलेशन से मालूम चला है कि स्पेशशिप द्वारा छोड़े गए धुएं से धु्रवों का तापमान बढ़ सकता है जिसका असर वहां की बर्फ पर पड़ सकता है। हालांकि अध्ययन के निर्णय की अभी तक पूरी तरह से पुष्टि नहीं की जा सकी है।
आने वाले समय में स्पेस टूरिज्म एक सामान्य चीज हो जाने की आशा है जिसके द्वारा सामान्य लोग भी स्पेसशिप में बैठ कर पृथ्वी के चक्कर लगाने का लुत्फ ले सकेेंगे।
कैसे किया गया अध्ययन?
यह अध्ययन लॉस एंजिल्स के एयरोस्पेस कार्पोरेशन के मार्टिन रॉस व उनकी टीम ने किया है। उनका यह माना कि 2020 तक प्रतिदिन स्पेस टूरिज्म के नाम पर 1000 फ्लाइट होंगी, इसी को आधार बनाकर उन्होंने अपना अध्ययन किया। इसमें पाया गया है कि रॉकेट से निकला हुआ धुआँ कार्बन-डाई-ऑक्साइड से भी ज्यादा घातक होगा। यह धुआँ सूर्य की रोशनी का अवशोषण करके वायुमंडल को गर्म कर देगा।
ब्लैक कार्बन विकिरण का अध्ययन करने के लिए इस टीम ने पृथ्वी के मौसम का 3 डी सिमुलेशन प्रयोग किया। यह प्रयोग स्पेसपोर्ट अमेरिका के ऊपर किया गया जिसका निर्माम न्यू मैक्सिको, अमेरिका में स्पेस टूरिज्म हब के रूप में किया जा रहा है।
Comments
All Comments (0)
Join the conversation