PSLV-C54: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने पृथ्वी अवलोकन उपग्रह EOS-06 और 8 नैनोसैटेलाइट्स को मल्टी ऑर्बिट में स्थापित किया. इसको ISRO के वर्कहॉर्स पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV) की मदद से लांच किया गया है.
पीएसएलवी-सी54 पर प्राथमिक पेलोड EOS-06 था जिसका विकास इसरो द्वारा किया गया था. जबकि नैनो उपग्रहों में भारत का पहला निजी तौर पर निर्मित पृथ्वी अवलोकन उपग्रह 'आनंद' शामिल था.
PSLV-C54/EOS-06 Mission is accomplished. The remaining satellites have all been injected into their intended orbits. pic.twitter.com/5rFSRFzwWz
— ISRO (@isro) November 26, 2022
पीएसएलवी-C54 के साथ भेजे गए सैटेलाइट:
सैटेलाइट | एजेंसी, देश | सेपरेटिंग मास (किग्रा) |
ईओएस-06 | यूआरएससी, भारत | 1117.0 |
आईएनएस-2बी | यूआरएससी, भारत | 18.28 |
आनंद | पिक्सेल, भारत | 16.51 |
थायबोल्ट (Nos 2) | ध्रुवस्पेस, भारत | 1.45 |
एस्ट्रोकास्ट (Nos 4) | स्पेसफ्लाइट, यूएसए | 17.92 |
मिशन के उद्देश्य:
इनकी मदद से परिचालन अनुप्रयोगों को बनाए रखने के लिए महासागर के रंग और पवन वेक्टर डेटा की डेटा निरंतरता सुनिश्चित किया जायेगा.
इन अनुप्रयोगों में सुधार करने के लिए, कुछ अतिरिक्त डेटासेट जैसे समुद्र की सतह का तापमान और फ्लोरेसेंस के लिए ऑप्टिकल क्षेत्र में बैंड की अधिक संख्या और वायुमंडलीय सुधार के लिए इन्फ्रारेड क्षेत्र में समायोजित किया जायेगा.
EOS-06 (ओशनसैट-3) प्रक्षेपण की मुख्य विशेषताएं:
ईओएस-06 ओशनसैट श्रृंखला में तीसरी पीढ़ी का उपग्रह है, जिसे रॉकेट के चौथे फेज में ऑर्बिट में स्थापित किया गया जो प्रक्षेपण के लगभग 17.17 मिनट बाद ऑर्बिट में पहुंचा.
ओशनसैट-2 की मदद से समुद्री सतह तापमान मॉनीटर, कू-बैंड स्कैटरोमीटर और आर्गोस आदि कार्यो को सरल बनाया जा सकता है.
EOS-06 के अतिरिक्त आठ नैनो उपग्रहों को उनकी कक्षाओं में स्थापित किया गया साथ ही PSLV-C54 ने एक घंटे से भी कम समय में पृथ्वी की परिक्रमा पूरी की.
नैनोसैटेलाइट्स में दो थायबोल्ट उपग्रह और ध्रुव स्पेस द्वारा बनाए गए संचार पेलोड शामिल हैं जो स्पेस से जुडी अन्य टेक्नोलॉजी को बेहतर बनाती है.
भूटान के लिए ISRO नैनोसैटेलाइट-2 (INS-2B) में दो पेलोड हैं जिनमें NanoMx शामिल है, जो अंतरिक्ष उपयोग केंद्र द्वारा विकसित एक मल्टीस्पेक्ट्रल ऑप्टिकल इमेजिंग पेलोड है.
आनंद नैनोसैटेलाइट के बारे में:
आनंद नैनोसैटेलाइट का विकास, बेंगलुरु बेस्ड स्टार्टअप Pixxel ने किया है, जिसे पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित किया गया है. यह एक माइक्रोसैटेलाइट है जो व्यावसायिक अनुप्रयोगों के बेहतर विकास में योगदान देगा.
स्पेसफ्लाइट के चार नैनो सैटेलाइट भी थे शामिल:
इस उड़ान के साथ अमेरिकी कंपनी स्पेसफ्लाइट के चार नैनो उपग्रह भी ऑर्बिट में स्थापित किया गया है जो में इंटरनेट ऑफ थिंग्स से जुड़े हुए है. यह PSLV-XL संस्करण की 24वीं उड़ान थी. ऐसी उड़ानों से इसरो अपने कमर्शियल कद को और ऊंचाईयों पर ले जा रहा है.
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