यह समय ऐसा है जब इंजीनियरिंग करने की इच्छा रखने वाले सभी छात्रों ने प्रवेश परीक्षा की तैयारी शुरु कर दी है। नए बैचों में कुछ छात्र ऐसे भी हैं जो फिर से आए हैं। प्रतियोगिता के इस दौर में अगर आप अपनी तैयारी की योजना नहीं बनाते तो आपके लिए अच्छे अंक लाना बहुत मुश्किल हो जाएगा।
इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षाओं के लिए तैयारी हेतु यहां कुछ टिप्स दिए जा रहे हैं और ये आपको उन परिस्थितियों में मदद करेंगे जब आप खुद को परीक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार मान रहे होंगे।
क्या आपको ऐसा लग रहा है कि आपके दिमाग में और कुछ याद रखने की क्षमता जवाब दे रही और आप आउट ऑफ मेमोरी हो गए हैं। फिर तो इन सब के लिए मेरा जवाब हैः
! बंद कीजिये !
अपने मन में ऐसी बातें सोचना बंद करिए। याद रखिए कि मनुष्य का मस्तिष्क आज तक ईजाद किए गए किसी भी कंप्यूटर से कहीं अधिक विशाल है। शांत हो कर बैठ जाइए और थोड़ा रिलैक्स करिए। यह समय स्मार्ट तरीके से काम करने का है।
अंतिम समय की तैयारी के लिए क्या करें और क्या न करें से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण बातें –
- एक बार में पूरा सिलेबस पढ़ने की बजाए चुनींदा विषयों का चयन करें
- प्रश्नपत्र (क्वेश्चन बैंक) और रिफ्रेशर बुक्स देखें और जिन विषयों में अधिक मेहनत करनी है उसकी सूची बनाएं
- अपनी पढ़ाई के लिए समय–सारणी बनाएं
- आपने दिल से जो भी सीखा है, उसका लिखित अभ्यास करने की कोशिश करें। इससे आपको चीजों को अधिक समय तक याद रखने में मदद मिलेगी
- समग्र ज्ञान को बढ़ाने के लिए समूह चर्चा और ज्ञान साझा करने वाले सत्र हमेशा से कारगर सिद्ध हुए हैं। इनमें शामिल होने की कोशिश करें
- आहार आवश्यकताओं पर भी ध्यान देने की जरूरत है। थोड़ी– थोड़ी देर पर खाएं और हल्का नाश्ता एवं फल खाने की कोशिश करें। उच्च प्रोटीन युक्त आहार आपकी क्षमता को बढ़ाएगा। कैफीन का सेवन कम करें और जंक फूड खाना बिल्कुल बंद कर दें
- रोजाना 15 मिनट तक योगा जरूर करें। उदरीय श्वसन पर ध्यान केंद्रित करें और आराम करने की कोशिश करें। सचेतन श्वसन भी चमत्कार करता है। यह स्वचालित तंत्रिका तंत्र को संतुलित करने की एक विशेष पद्धति है जो तनावपूर्ण स्थितियों को प्रभावित करता है।
- अपने पढ़ाई के स्थान को साफ– सुथरा और स्वच्छ रखने की कोशिश करें। अगरबत्ती जलाना या पास में ताजे फूल रखना सकारात्मक दृष्टिकोण की भावना पैदा करता है और आपका आत्मविश्वास बनाने में मदद करता है
- कम– से– कम सात घंटों की नींद लें क्योंकि यह स्वयं को उचित तरीके से काम करने में मदद करता है
जब तक कि आप परीक्षा में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन न कर लें, अपने अंक की कल्पना न करें। बहुत अधिक कल्पना नैतिक सोच की विफलता का कारण बन सकता है और इससे आपकी पढ़ाई पर बुरा प्रभाव पड़ेगा
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