एग्जाम का समय है और सभी विद्याथियों को एग्जाम को लेकर काफी तनाव होता है और यह तनाव स्वभाविक भी है| एग्जाम का तनाव सबसे ज्यादा एग्जाम हॉल में नज़र आता है जिस कारण वश हम कई बार अच्छे से पढ़े हुए टॉपिक को भी भूल जाते हैं या कंफ्यूज हो जातें हैं| आज हम आपको कुछ ऐसे टिप्स बतायेंगे जो की परीक्षा केंद्र में होने वाले तनाव को कम करे ताकि आप सही तरीके से अपने उत्तर लिख पायें| दरअसल विद्यार्थियों को परीक्षा के विषयों की तैयारी के साथ-साथ यह भी समझना चाहिए कि परीक्षा में उत्तर देने का तरीका क्या हो? अकसर छात्र सोचते हैं कि हम तो खूब पढ़ते हैं, लंबे-लंबे उत्तर रटते हैं फिर भी हमारे नंबर अच्छे नहीं आते| क्यूंकि अच्छे नंबर लाने के लिए रटने की नहीं बल्कि समझ कर प्रश्नों के उत्तर देने की आवश्यकता होती है|स्टूडेंट्स अकसर यह गलती करते हैं की परीक्षा में जो पूछा जाता है उस का सटीक उत्तर नहीं देते बल्कि विस्तार से देने के लिए कुछ भी लिख देते हैं| उन्हें लगता है अगर हम ने 2 ही पंक्तियों में उत्तर दे दिया तो शायद परीक्षक पूरे अंक नहीं देंगे और वे 2 पंक्तियों के उत्तर को भी घुमाफिरा कर बड़ा कर देते हैं| तो सवाल से उठता है की आखिर कैसे दें परीक्षा में प्रश्नों के उत्तर कि मेहनत का सकारात्मक परिणाम देखने को मिले? जानिए कुछ नुसखें जिन्हें अपना कर आप परीक्षा में अधिकतम अंक हासिल कर सकते हैं|

1. विस्तृत के बजाय सटीक उत्तर लिखें :
स्टूडेंट्स को स्पष्ट रूप से समझ लेना चाहिए कि यदि उत्तर 2 पंक्तियों में ही समाप्त हो रहा है तो उसका विस्तार बेकार है| ऐसा करने से यह ज़रूरी नही की आप अधिक अंक प्राप्त करें जबकि देखा गया हैं की 2 पंक्तियों का उत्तर लिखने वाले अन्य छात्र अधिक अंक प्राप्त कर लेते हैं ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि उन्होंने जो भी लिखा है वह सटीक होता है| उदाहरण के लिए यदि प्रश्न-पत्र में प्रजातंत्र पर अब्राहम लिंकन की परिभाषा पूछी जाए,तब उस का सटीक उत्तर,‘प्रजातंत्र वह शासन तंत्र है जो जनता का,जनता के लिए,जनता के द्वारा शासन है,होगा, ऐसा हो सकता है कि आप ने अब्राहम लिंकन की ही परिभाषा लिखने के बाद उसे और अधिक स्पष्ट करने के लिए कुछ और पंक्तियां जोड़ दीं लेकिन अगर आप ने केवल लिंकन की सही परिभाषा ही लिख दी तो भी आप का उत्तर पूरा होगा और परीक्षक को पूरे नंबर देने पड़ेंगे|
अधिकांश स्टूडेंट्स की धारणा है कि उत्तर-पुस्तिका में कुछ न कुछ लिख देने पर परीक्षक नंबर देगा ही,इसलिए अक्सर देखा गया है स्टूडेंट्स उत्तर नहीं आने पर भी खुद से उत्तर बना कर लिख देते हैं लेकिन यह धारणा गलत है| परीक्षक को गुमराह करने पर हो सकता है कि वह लंबे उत्तर वाले प्रश्नों की दोचार पंक्तियां पढ़ कर, पूछे गए प्रश्न से असंबद्धता होने के कारण काट दे जबकि अंत में उसी प्रश्न का उत्तर लिखा हो| यह ध्यान रखें कि उन्हीं उत्तरों पर अधिक नंबर दिए जाते हैं जो सटीक हों| प्रश्नों के ऐसे उत्तर पढ़ कर परीक्षक प्रभावित होतें है कि विद्यार्थी को विषय का सही ज्ञान है| यह बात परीक्षक को प्रभावित करता है| फिर सटीक उत्तर पढ़ने में कम समय लगता है और ऐसे उत्तरों पर आसानी से पूरे नंबर दिए जाते हैं जबकि प्रश्नों के विस्तार से लिखे उत्तर पढ़ने में समय अधिक लगता है और उत्तर का विस्तार उत्तर के सही होने पर भी प्रश्नचिह्न लगा देता है|
इसलिए जहां तक हो,उत्तर सटीक लिखें और पुनरावृत्ति तथा विस्तार से बचें| पुनरावृत्ति अच्छा प्रभाव नहीं डालती है| बेकार का विस्तार जहां एक ओर परीक्षार्थी का समय बरबाद करता है, वहीं परीक्षक भी परेशान हो जाते है इसलिए जो भी लिखें, सटीक लिखें|
2. स्पष्ट और सुंदर लिखावट में लिखें उत्तर :
लिखावट अस्पष्ट और उत्तर सटीक लिखने की आदत न होने पर इस का अभ्यास करना अधिक अंक प्राप्ति में सहायक होता है,क्यूंकि अगर आपकी लिखावट अच्छी नही है और आपने सही उत्तर भी लिखा है तो वह परीक्षक को समझने में परेशानी होगी जिससे वह आपको उतने अंक न दे सके जितना देना चाहिए| परीक्षार्थी को चाहिए कि वह अपनी लिखावट सुंदर बनाने का प्रयास करे ताकि वह जो भी लिख रहें हो वह परीक्षक को सही तरीके से समझ आए|
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3. प्रश्नों को समझें और उत्तर दें :
अमूमन विद्यार्थी प्रश्नों को समझे बिना ही उत्तर देने शुरू कर देते हैं| ऐसे में जो पूछा गया है वह छूट जाता है और बिना पूछी बात उत्तर में आ जाती है| ध्यान रखें कि प्रश्नों के अनुसार उत्तर दें और पेपर की तैयारी करते समय छोटी से छोटी बात को भी माइंड में बैठा लें,क्योंकि हो सकता है कि प्रश्नपत्र तैयार करने वाला उसी छोटी बात को प्रश्न के रूप में पेश कर दे| वह ऐसे प्रश्नों को भी प्राथमिकता के आधार पर प्रश्नपत्र में सम्मिलित कर सकते हैं जिन से परीक्षार्थी की संपूर्ण पढ़ाई का मूल्यांकन हो| कभी-कभी ऐसा भी होता है की साधारण से लगने वाले प्रश्न भी पूछे जाते हैं ये प्रश्न ऐसे होते हैं जो अन्य प्रश्नों का प्रतिनिधित्व करते हैं| किसी बड़े प्रश्न के के साथ सम्मिलित होते हैं|
4. परीक्षा के स्वरूप को समझें :
परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों की संख्या और उन के विभाजन का स्वरूप मालूम कर,उसी के अनुरूप उत्तर लिखने की तैयारी करें| पहले ही जान लें कि परीक्षा में कितने प्रश्न पूछे जाते हैं,उन में से कितने लघु उत्तरीय आते हैं,मल्टीप्ल चॉइस और रिक्त स्थान का स्वरूप कैसा होता है और किस तरह के लघु उत्तरीय और निबंधात्मक प्रश्न पूछे जाते हैं,इस के अनुसार इसके अनुसार ही उत्तर लिखें|
5. हर विषय का संतुलित अध्ययन करें :
स्टूडेंट्स को हमेशा हर विषय को उस के अनुसार समझ कर,याद कर के और उस की मुख्य बातें जान कर अध्ययन करना चाहिए क्यूंकि जब आप उत्तर लिखते हैं आपके उत्तर लिखने का तरीका हर एक विषय के अनुसार अलग-अलग होता है तो कोशिश करें की आपके उत्तर का तरीका आपके विषय के अनुसार हो जैसे- विज्ञान में उत्तर करते समय डायग्राम का पर ख़ास धयान देना चाहिए,उसी तरह गणित में टेबल और कैलकुलेशन पर पूरा फोकस करना चाहिए| जैसे की यहाँ हम कुछ विषय पर उदाहरण देकर इस बात की पुष्टि कर रहें हैं :
6. गणित :
गणित और भौतिकी की तैयारी करते वक्त सूत्र रूप,विधि, स्वरूप आदि को ठीक तरह से समझ कर उन का सही उपयोग करना सीखें| गणित के सूत्र सवाल को हल करने में बहुत बड़ा रोल निभाते हैं| त्रिकोणमिति के सवाल सूत्रों के बिना सिद्ध ही नहीं हो सकते हैं| सूत्र का उपयोग तभी बेहतर किया जा सकता है जब उस का स्वरूप हमें अच्छी तरह याद हो| इस के लिए सूत्र की उत्पति को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए कि कैसे और किस तरह से वह सूत्र उत्पन्न हुआ है? सवाल को विधि के अनुसार ही हल करना चाहिए ताकि कोई गलती न हो| जैसे की- रमेश की आदत है कि जब सवाल नहीं आता है तो वह मनमाने ढंग से सवाल हल कर के जैसे-तैसे उत्तर निकाल लेता है| लेकिन यह तरीका गलत है, गणित की तरह वाणिज्य, लेखा कर्म, अर्थशास्त्र की अपनी विधि होती है. विधि के अनुसार ही सवालों को हल करें|
7. विज्ञान :
विज्ञान विषय के विद्यार्थियों को प्रैक्टिकल तरीके से समझने पर विशेष ध्यान देना चाहिए| रसायनशास्त्र विषय की अपनी एक विधि होती है| इस विषय को समझ कर याद करने से सूत्र, समीकरण, विधि, सचित्र परिचय आदि को बेहतर तरीके से समझा जा सकता है| वैसे रसायनशास्त्र में प्रयोगशाला में तरह-तरह की वस्तुओं के उत्पादन और उन के भौतिक और रासायनिक गुण, उपयोग, प्राप्ति स्थान आदि का वर्णन विशेष रूप से होता है| इस कारण इस विषय के प्रश्न भी तरह-तरह के तत्त्वों, यौगिकों आदि के उत्पादन की विधियों, नामांकित चित्रों, भौतिक, रासायनिक गुणों के उपयोग पर केंद्रित होते हैं| ज्यादातर स्टूडेंट्स नामांकित चित्र नहीं बनाते हैं जबकि रसायनशास्त्र और जीवविज्ञान में अधिकांश नामांकित चित्र पूछे जाते हैं जिन पर ज्यादातर स्टूडेंट्स ध्यान नहीं देते हैं| इस तरह अगर स्टूडेंट्स विषय अनुसार तैयारी करें और प्रश्न में पूछे गए स्वरूप को समझ कर उस के अनुसार प्रश्न का उत्तर लिखें तो परीक्षा में अधिकतम अंक लाने में सफल रहेंगे| स्टूडेंट्स परीक्षा में उत्तर-पुस्तिका में लापरवाही से लिखते हैं, यह आम बात है मार्जिन ठीक से नहीं छोड़ते, निर्देशों का पालन करना चाहिए या नहीं, इसकी कई स्टूडेंट्स परवा ही नहीं करते हैं|
सारांश : उपरोक्त बातों को ध्यान में रख कर परीक्षा की तैयारी करने और उत्तर लिखने से अधिकतम अंक प्राप्त किए जा सकते हैं|
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