रोज़-रोज़ स्कूल क्यों जाना पड़ता है??? ऐसा हर स्कूल जाने वाला स्टूडेंट सोचता है क्यूंकि उन्हें रोज़ सुबह उठकर तैयार होना और स्कूल जाना बिलकुल भी अच्छा नहीं लगता. छात्रों के मन में यह ख्याल भी ज़रूर आता होगा, की अब तो वीडियो लेक्चर, यूट्यूब वीडियो से सीखने के भी विकल्प हैं तो फिर स्कूल जाना ही क्यों ज़रूरी है? स्टूडेंट्स के लिए अब ओपन स्कूलिंग के भी ऑप्शन होते हैं , लेकिन फिर भी रेगुलर स्कूल को शिक्षा के लिए सबसे अच्छा ऑप्शन माना जाता है और अच्छी शिक्षा के लिए स्टूडेंट्स का स्कूल जाना बहुत आवश्यक है. अगर फिर भी स्टूडेंट्स को स्कूल जाना अच्छा नहीं लगता तो वो यह लेख ज़रूर पढ़ें –
5 कारण जिनसे पता चलेगा की स्टूडेंट्स के लिए रोज़ाना स्कूल जाना क्यों आवश्यक है –
1. अध्यन का लैय बिगड़ जाता है –अगर स्टूडेंट्स एक दिन भी स्कूल नहीं जाते तो वो क्लास में पढ़ाए गए विषयों को समझने से रह जाते हैं और फिर उन्हें आगे पढ़ने में भी परेशानी होती है. जब एक ही दिन में इतना फ़र्क पड़ता है तो सोचिए अगर ऐसे ही स्टूडेंट्स स्कूल जाना बंद कर दें तो उनका कितना नुक्सान होगा. और यही नहीं क्लास में टीचर्स न सिर्फ विषयों को समझाते हैं बल्कि अन्य चीज़ें जैसे कि असाइनमेंट्स, टिप्स और ट्रिक्स, क्विज़ गेम्स और बहुत से रोचक प्रोजेक्ट्स भी करवाते हैं और यह सब सिर्फ वही स्टूडेंट्स कर सकते हैं जो नियमित रूप से स्कूल जाते हैं.
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2. ज़िन्दगी में अनुशासन की कमी आती है – स्कूल लाइफ स्टूडेंट्स की लाइफ में एक अनुसाशन बना कर रखती है. रोज़ सुबह जल्दी उठने से दिन की अच्छी शुरुआत होती है और स्कूल में क्लास अटेंड करने से समय भी सही से बनी रहती है .स्कूल के बाद जो समय होता है स्टूडेंट्स उस समय को भी सही से मैनेज करना सीख जाते हैं. लेकिन अगर स्टूडेंट्स स्कूल नहीं जाते हैं तो वो यह सभी अच्छी आदतें नहीं सीख पाते जो नियमित अनुसाशन से आती है.
3. स्कूल में अटन्डेंस और एक्स्ट्रा-करीकुलर रिकॉर्ड में कमी आती है – रोज़ स्कूल नहीं जाने से न केवल पढ़ाई का ही नुक्सान होता बल्कि इसके साथ-साथ उनका स्कूल में अटन्डेंस रिकॉर्ड और टीचर्स के सामने भी उनका ख़राब प्रभाव पड़ता है. जो स्टूडेंट्स स्कूल नहीं जाते वो पढ़ाई के साथ-साथ अन्य गतिविधियों से भी पीछे रह जाते हैं. टीचर्स भी उन्ही स्टूडेंट्स की सराहना करते हैं जो स्कूल में सभी विषयों की नियमित क्लासेज अटेंड करते हैं.
4. नई चीज़े सीखने का सुनहरा मौका छुट जाता है – स्कूल में छात्रों को पढ़ाई, एक्स्ट्रा-करीकुलर गतिविधियों के साथ-साथ कई तरह से सीखने के अवसर मिलते हैं जैसे की राजकीय/राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय स्पोर्ट्स कम्पटीशन, स्किल्स ट्रेनिंग और ओलम्पियाड में भाग लेने के अवसर. और अगर छात्र स्कूल ही नहीं जाएंगे तो उन्हें ऐसे अवसर नहीं मिल पाएंगे जहाँ उन्हें अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिले.
5. स्कूल में सोशल लाइफ नहीं बन पाती – स्कूल में स्टूडेंट्स एक-दूसरे के साथ इंटरैक्ट करते हैं और स्कूल की गतिविधियों में भाग लेते हैं. लेकिन यह सब गतिविधियाँ जिनसे स्टूडेंट्स कम्युनिकेशन स्किल्स, मैनेजमेंट स्किल्स, लीडरशिप स्किल्स जैसी महत्वपूर्ण बातें सीखते हैं सिर्फ स्कूल में नियमित रूप से उपस्थित होने से ही हासिल कर सकते हैं. यह सभी स्किल्स स्टूडेंट्स के सामाजिक जीवन और करियर के लिए बहुत आवश्यक हैं इसलिए स्टूडेंट्स के लिए रोज़ाना स्कूल जाना ज़रूरी है.
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निष्कर्ष: स्टूडेंट्स अगर स्कूल में नियमित रूप से उपस्थित नहीं रहेंगे तो यहाँ बताई गयी सभी बातों का प्रभाव उनकी जीवनशैली पर पड़ेगा. और अगर स्टूडेंट्स को अच्छे मार्क्स लाने के साथ-साथ स्कूल में अन्य गतिविधियों से महत्वपूर्ण स्किल्स सीखनी है तो उन्हें स्कूल जाने से मन चुराना बंद करना होगा.
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