हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को पूरे देश में मनाया जाता है। यह दिन हिंदी भाषा के महत्व को समझने और इसके प्रचार-प्रसार के संकल्प का प्रतीक है। स्कूलों और कॉलेजों में इस दिन विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं जैसे भाषण, कविता, निबंध, नाटक और चित्रकला प्रतियोगिताएँ।
हिंदी दिवस पर चित्रकारी (Drawings on Hindi Diwas) का विशेष महत्व है क्योंकि चित्र हमारी भावनाओं और विचारों को सबसे सरल और प्रभावी रूप से व्यक्त करते हैं। विद्यार्थी रंगों और आकृतियों के माध्यम से हिंदी भाषा की महत्ता, मातृभाषा का गर्व और संस्कृति की सुंदरता को दर्शाते हैं। इस तरह की ड्रॉइंग बच्चों में हिंदी के प्रति प्रेम और लगाव को बढ़ाती है।
Importance of Hindi Diwas 2025
हिंदी दिवस हर साल 14 सितंबर को मनाया जाता है, जो भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है। यह दिवस हमें हमारी राजभाषा हिंदी के महत्व को याद दिलाता है। हिंदी केवल एक भाषा नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक पहचान और राष्ट्रीय एकता का प्रतीक है। यह दिवस हमें यह बताता है कि हमें अपनी मातृभाषा का सम्मान करना चाहिए और इसके प्रयोग को बढ़ावा देना चाहिए। हिंदी दिवस का मुख्य उद्देश्य नई पीढ़ी को हिंदी के प्रति प्रेरित करना और उन्हें इसका महत्व समझाना है, ताकि हमारी भाषा और संस्कृति दोनों ही समृद्ध बनी रहें। यह भाषा हमें भारत के विभिन्न राज्यों और समुदायों को एक सूत्र में पिरोती है, जिससे हमारी राष्ट्रीय भावना मजबूत होती है। हिंदी दिवस मनाना इसलिए भी आवश्यक है, ताकि हम अपनी भाषा की सुंदरता और उसकी ताकत को समझ सकें और उसका प्रचार-प्रसार कर सकें।
हिंदी दिवस 2025: Drawings for Hindi Diwas
"हिंदी हमारी पहचान है, यही हमारी शान है।"

"हिंदी है देश का मान, इसे बढ़ाना सबका काम।"

"भाषा से है राष्ट्र की पहचान, हिंदी है भारत की जान।"

"अपनी मातृभाषा का करो सम्मान, यही है सच्चा अभिमान।"

"हिंदी दिवस का यही है संदेश, हिंदी से ही होगा देश विशेष।"
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"हिंदी हमारी आत्मा है, हमारी संस्कृति का गहना है।"

"भाषा जो जोड़ती सबको, वही हिंदी कहलाती।"

"हिंदी दिवस हमें याद दिलाता है, अपनी भाषा कभी न भुलाना है।"

"हिंदी में है अपनापन, यही है हमारी धरोहर।"

"हिंदी दिवस पर करो ये प्रण, हिंदी को दिल से करो सम्मान।"

हिंदी दिवस पर चित्रकला (Drawings) बनाना छात्रों को न केवल अपनी रचनात्मकता दिखाने का अवसर देता है, बल्कि उन्हें अपनी मातृभाषा के महत्व को समझने और उससे जुड़ने का भी मौका देता है। यह बच्चों के मन में हिंदी भाषा के प्रति गर्व और सम्मान की भावना पैदा करता है। हमें याद रखना चाहिए कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, सभ्यता और पहचान की आत्मा है।
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