केमिकल इंजीनियरिंग को इंजीनियरिंग के प्रमुख ब्रांचेज में से एक माना जाता है. तेजी से बढ़ते केमिकल से बने उत्पादों के प्रसार के कारण केमिकल इंजीनियर की डिमांड तेजी से बढ़ी है. केमिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में तेजी से उभरती संभावनाएं प्राइवेट सेक्टर में तो हैं हीं, साथ ही, सरकारी विभागों, संगठनों और संस्थानों में भी केमिकल इंजीनियर के लिए अवसरों की संख्या में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई है.
परंपरागत रूप से केमिकल इंजीनियरिंग प्रोफेशनल्स की जिम्मेदारी होती है कि वह कच्चे पदार्थों या रॉ केमिकल के इस्तेमाल से कई प्रकार की उपयोग की वस्तुएं बनाये. आधुनिक परिप्रेक्ष्य में कच्चे पदार्थ के साथ नैनोटेक्नोलॉजी तथा बायोमेडिकल इंजीनियरिंग का भी उपयोग करते हुए बेहतर मैटेरियल्स केमिकल इंजीनयरिंग प्रोफेशनल्स द्वारा बनाये जाते हैं. शोध के स्तर पर केमिकल इंजीनियरिंग साइंटिस्ट विभिन्न प्रकार के रासायनिक उत्पादों या तत्वों के सम्बन्ध में समस्याओं को हल करता है. केमिकल इंजीनियरिंग प्रोफेशनल की जिम्मेदारी यह भी होती है कि वह समय-समय पर आधुनिकतम टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल के लिए संगठन को सर्वोत्तम उपायों की सलाह दे. देश में सुरक्षित केमिकल जनित उत्पादों के विकास में केमिकल इंजीनियरिंग प्रोफेशनल्स की काफी भूमिका होती है. इसलिए केमिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में प्राइवेट सेक्टर के साथ-साथ सरकारी संगठनों में भी जॉब के अवसर उपबल्ध होते हैं. केमिकल इंजीनियर का पद केंद्र व राज्य सरकारों के सम्बन्धित मंत्रालयों एवं सम्बद्ध विभाग, इस क्षेत्र में कार्य कर रहे सरकारी संगठनों, विभिन्न तकनीकी शैक्षणिक संस्थानों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू), आदि में होता है.
सरकारी विभागों एवं संगठनों केमिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कई प्रकार के पद होते हैं:– जैसे – केमिकल इंजीनियर, केमिकल डेवलपमेंट इंजीनियर, प्रोजेक्ट इंजीनियर, प्रोजेक्ट मैनेजर, क्वालिटी कंट्रोलर’ लेबोरेटरी असिस्टेंट, टेक्निकल स्पेशलिस्ट, सुपरवाइजर या मैनेजर. इंजीनियरिंग से जुड़े कई सरकारी संगठनों में केमिकल इंजीनियरिंग के पदों पर अधिक समय तक कार्य करने वाले प्रोफेशनल्स को मैनेजमेंट कैडर में भी प्रोन्नत किया जाता है.
केमिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सरकारी नौकरी के लिए योग्यता?
केमिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सरकारी नौकरी पाने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार को किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या संस्थान से केमिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में स्नातक डिग्री (बीई/बीटेक) उत्तीर्ण होना चाहिए. सीनियर पदों के लिए केमिकल इंजीनियरिंग में एमटेक की डिग्री मांगी जाती है. वहीं, शैक्षणिक संस्थानों में सीनियर फैकल्टी के पदों लिए कंप्यूटर साइंस या केमिकल इंजीनियरिंग में रिसर्च डिग्री (पीएचडी) मांगा जाता है.
केमिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सरकारी नौकरी के लिए आयु सीमा?
केमिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जूनियर पदों पर सरकारी नौकरियों के लिए उम्मीदवार की आयु 21 वर्ष से 30 वर्ष के बीच होनी चाहिए जबकि सीनियर पदों के लिए अधिकतम आयु सीमा 45 वर्ष तक होती है. आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों को अधिकतम आयु सीमा में सरकार के नियमानुसार छूट दी जाती है.
केमिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सरकारी नौकरी के लिए चयन प्रक्रिया:
केमिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में विभिन्न सरकारी पदों पर उम्मीदवारों का चयन पद के अनुसार अलग-अलग होता है. आमतौर पर शैक्षणिक रिकॉर्ड, लिखित परीक्षा और व्यक्तिगत साक्षात्कार के आधार पर चयन किया जाता है.
कितनी मिलती है केमिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सैलरी?
केमिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सरकारी नौकरियों में इंट्री लेवल पर छठें वेतन आयोग के पे-बैंड 3 के अनुरूप रु.15,600 – 39100 + ग्रेड पे 7600 के अनुसार सैलरी दी जाती है. इसके अतिरिक्त गृह किराया भत्ता (एच.आर.ए.), परिवहन भत्ता, आदि देय होता है. वहीं, राज्य सरकारों के विभागों एवं संस्थानों में वेतनमान संबंधित राज्य के समकक्ष स्तर पर निर्धारित वेतनमान के अनुसार दिया जाता है जो कि राज्य के अनुसार अलग-अलग होता है.
केमिकल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कहां मिलेगी सरकारी नौकरी?
केमिकल इंजीनियरिंग का पद केंद्र व राज्य सरकारों के सम्बन्धित मंत्रालयों एवं सम्बद्ध विभाग, इस क्षेत्र में कार्य कर रहे सरकारी संगठनों, विभिन्न तकनीकी शैक्षणिक संस्थानों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू), आदि में होता है इसलिए इस क्षेत्र में सरकारी नौकरी इन्हीं संगठनों में समय-समय पर निकलती रहती हैं. इन सभी रिक्तियों के बारे में भारत सरकार के प्रकाशन विभाग से प्रकाशित होने वाले रोजगार समाचार, दैनिक समाचार पत्रों एवं सरकारी नौकरी की जानकारी देने वाले पोर्टल्स या मोबाइल अप्लीकेशन के माध्यम से अपडेट रहा जा सकता है.
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