आइए दोस्तों आज हम जानते हैं कि सिस्टम इंजीनियर की सरकारी नौकरी के लिए क्या है आवश्यक योग्यता और कैसे होता है सेलेक्शन. तो इस कड़ी में हम सबसे पहले ये जानने का प्रयास करते हैं कि सिस्टम इंजिनीयरिंग आखिर है क्या ?
सिस्टम इंजिनीयरिंग क्या है:-
सिस्टम इंजीनियरिंग इंजीनियरिंग और इंजिनयरिंग मैनेजमेंट (प्रबन्धन) का एक इंटरडिसिप्लिनरी (अंतर्विषयक) क्षेत्र है जिसके द्वारा किसी काम्प्लेक्स सिस्टम को डिजाइन और मैनेज करने के बारे में जाना जाता है. सिस्टम इंजीनियरिंग तकनीकों का प्रयोग काफी जटिल प्रोजेक्ट्स में किया जाता है. जैसे - स्पेसक्राफ्ट (अन्तरिक्ष यान) डिजाइन, कम्प्यूटर चिप डिजाइन, रोबोटिक्स, सॉफ्टवेयर इंटीग्रेशन, बड़े बड़े ब्रिजों के निर्माण इत्यादि में सिस्टम इंजीनियरिंग का इस्तेमाल होता है. सिस्टम इंजीनियरिंग में मोडलिंग और सिमुलेशन समेत कई ऐसे टूल्स का इस्तेमाल होता है जो ऐसे जटिल कार्यों के प्रबन्धन के एनालेसिस को मैनेज करने के लिए नितान्त आवश्यक है.
सिस्टम इंजिनीयरिंग में करियर:
अब अगर क्षेत्र की बात की जाए तो विज्ञान, प्रोद्योगिकी, चिकित्सा समेत सिस्टम इंजीनियरिंग का क्षेत्र काफी व्यापक है. इसके अलावा अगर सिस्टम इंजीनियरिंग की पढ़ाई की बात की जाए तो यह सामान्य और परंपरागत इंजिनीयरिंग पाठ्यक्रम का हीं विस्तृत रूप है. हमारे यहाँ सिस्टम इंजीनियरिंग में अंडर ग्रैजुएट यूनिवर्सिटी बहुत हीं कम हैं. आजकल के टेक्नीकल युग में सिस्टम इंजीनियरों की आवश्यकता और माँग बहुत ज्यादा बढ़ गई है. माँग के अनुसार इतने अधिक सिस्टम इंजीनियर नहीं मिल पाते जिस वजह से कई बार साइंस स्ट्रीम से बैचलर डिग्री प्रोग्राम इन्ट्री लेबल पोजीशन के लिए पर्याप्त मान लिया जाता है.
आजकल फिल्मों तथा टीवी सिरिअल्स में सिस्टम इंजिनियरों के ग्लेमराइजड प्रोफेशन को देखते हुए युवाओं में इस जॉब के प्रति गहरा आकर्षण देखा जा रहा है. सिस्टम इंजिनियरिंग वास्तव में टेक्नोलॉजी के विकास की पराकाष्ठा की हीं एक विधि है. अपने देश के साथ साथ विदेशों में भी इस जॉब की काफी डिमांड है तथा वहाँ इसे एक रोमांचक और चैलेन्जिंग कैरियर के तौर पर देखा जाता है. टेक्नोलॉजी की आसमान छूती रफ़्तार को देखते हुए एक बात तो तय है कि सिस्टम इंजीनियरिंग निश्चित रूप से एक भविष्योन्मुखी रोजगार है.
आवश्यक योग्यता -
सिस्टम इंजिनीयर की सरकारी नौकरी के लिए एक कैंडिडेट का किसी भी मान्यता प्राप्त संस्थान से सिस्टम इंजीनियरिंग में ग्रैजुएट डिग्री या समकक्ष डिग्री आवश्यक है. विदेशों में अधिकतर संस्थानों में सिस्टम इंजिनियर के पद के जॉब के लिए सिस्टम इंजीनियरिंग की डिग्री के अलावा कैंडिडेट्स के कुछ फिजिकल और मेंटल फ़िटनेस के एलिमेंट्स भी मायने रखते हैं, जिनके मानदण्ड पर खरा उतरना कैंडिडेट्स के लिए अनिवार्य होता है. भारत में भी कुछ एक सरकारी संस्थानों में कैंडिडेट्स के लिए उनके अपने निजी मानदण्ड होते हैं जिनपर खरे उतरना कैंडिडेट्स के लिए अनिवार्य होता है. यह क्षेत्र खासकर स्पेस क्राफ्ट आदि से रिलेटेड होता है.
सिस्टम इंजीनियर के पद के लिए कैंडिडेट का कैसे होता है सेलेक्शन -
फ्रेश और एक्सपीरियंस आईटी ग्रैजुएट को आईटी सेक्टर रिक्रूटमेंट के तहत सीधे सरकारी नौकरी मिल सकती है. भारत सरकार के मेजर आईटी ऑर्गेनाइजेशन जैसे - सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ़ एडवांस कम्प्यूटिंग (सीडीएसी), नेशनल इन्फोर्मटिक सेंटर (एनआईसी), एजुकेशन एंड रिसर्च नेटवर्क (ईआरईएनईटी) हरियाणा सरकार, हरियाणा स्टेट इलेक्ट्रानिक्स डेवलपमेंट कोर्पोरेशन लिमिटेड (एचएआरटीआरओएम), सॉफ्टवेयर टेक्नोलोजी पार्क ऑफ़ इंडिया (एसटीपीआई) इत्यादि भारत सरकार के सरकारी संस्थान सिस्टम इंजीनियरों को अपने यहाँ डाईरेक्ट एम्प्लोईमेंट देते हैं. बाकि अलग अलग सरकारी और गैर सरकारी संस्थान समय समय पर सिस्टम इंजीनियरों के पदों के लिए काफी रिच सैलरी पर आवेदन आमंत्रित करते रहते हैं.
सिस्टम इंजीनियरिंग के जॉब में आम तौर पर फ्रेशर के बजाय एक्सपीरियंसड कैंडिडेट्स की ज्यादा डिमाण्ड रहती है. या कह सकते हैं कि इस जॉब में एक्सपीरियंसड होना सीधे सीधे सैलरी को इन्फ्लूएंस करता है. विदेशों में भी सिस्टम इंजीनियरों के पद की काफी डिमाण्ड है. वहाँ एक्सपीरियंसड सिस्टम इंजीनियरों को काफी हैण्डसम सैलरी प्रदान की जाती है. भारत में फ्रेशर सिस्टम इंजीनियरों की एवरेज सैलरी लगभग 3,48,504 रूपए है. जबकि सीनियर सिस्टम इंजीनियरों की एवरेज सैलरी लगभग 5,13,474 रूपए तक हो सकती है. फोरेन के अलावा अपने यहाँ भी एल.आई.एन.यू.एक्स, यू. एन.आई.एक्स, सिस्टम एडमिनिस्ट्रेशन, सी ++, वीएमवेयर इत्यादि में स्किल्ड होने पर सिस्टम इंजीनियरों को हाईली पेड जॉब्स ऑफर किए जाते हैं.
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